उज्जैन/इंदौर
1692 करोड़ रुपये की उज्जैन-इंदौर रोड सिक्स लेन परियोजना पर काम शुरू हो गया है। सड़क निर्माण से ज्यादा रुपया उसके ऑपरेशन-मेंटेनेंस पर खर्च होगा। सड़क तो 735 करोड रुपये में बन जाएगी मगर अगले 15 वर्ष तक उसके ऑपरेशन-मेंटेनेंस पर सरकार 957 करोड रुपये खर्च करेगी।
विशेष बात ये भी है कि डीपीआर में काफी संशोधन किया गया है। पहले योजना अमल में लाने को 1.35 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करने, आठ फ्लाय ओवर और 70 अंडरपास बनाना प्रस्तावित था, मगर बाद में जमीन अधिग्रहण करना निरस्त किया और मार्ग में दो वृहद पुल, दो फ्लाई ओवर, छह अंडरपास बनाना तय किया।
इतने पर भी प्रोजेक्ट की लागत घटने की बजाय बढ़ी। इसका खुलकर जवाब कोई देने को राजी नहीं। मालूम हो कि स्टेट हाइवे नंबर- 59, उज्जैन-इदौर रोड सिक्सलेन परियोजना का काम धरातल पर शुरू हो गया है।
राष्ट्रपति ने किया था परियोजना का भूमिपूजन
अभी 19 सितंबर को परियोजना का भूमिपूजन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने उज्जैन आकर किया था। मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (एमपीआरडीसी) के मुताबिक 46.475 किलोमीटर लंबे उज्जैन-इंदौर फोरलेन सड़क मार्ग को दो वर्ष के भीतर सिक्सलेन में बदलने की कमान उदयपुर की रवि इन्फ्राबिल्ड कंपनी को 735 करोड़ रुपये में सौंपी है।
योजना अनुरूप सिक्स लेन सड़क 15 साल के आपरेशन-मैंटनेंस के साथ उज्जैन में स्थित हरिफाटक पुल से इंदौर में स्थित अरविंदो अस्पताल के सामने तक बनाई जाएगी। निर्माण हाइब्रिड वार्षिकी पद्धति से पेव्ड शोल्डर के साथ होगा। मुख्य सड़क डामर की और आबादी क्षेत्र में एप्रोच रोड सीमेंट-कांक्रीट की बनाई जाएगी। परियोजना धरातल पर उतरने के बाद इस मार्ग से आवाजाही और सुलभ होगी।
इसी मार्ग से सर्वाधिक पर्यटक आते उज्जैन
उज्जैन में सर्वाधिक पर्यटक इसी इंदौर रोड के रास्ते आते हैं। उज्जैन को जोड़ने वाले प्रमुख मार्गों में यही वो रोड है जहां सर्वाधिक दुर्घटनाएं भी होती है। बीते वर्ष 2023 में इस पर 226 दुर्घटनाएं हुई थीं जिनमें 210 लोग घायल हुए थे और 22 की मृत्यु हो गई थी।
यह भी जानिए
मध्य प्रदेश मंत्रीमंडल ने सिक्सलेन परियोजना 20 फरवरी 2024 को मंजूर की थी। तब कहा था कि अगले तीन माह में ठेकेदार का चयन कर दो वर्ष में सिक्स लेन बनवा लेंगे। मार्ग में सड़क सुरक्षा के उपाय करेंगे और सभी जंक्शन का सुधार कराएंगे।
सड़क निर्माण कराने को 1692 करोड़ रुपये की विस्तृत कार्य योजना (डीपीआर) बनी है। सिविल वर्क पर 735 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्य सड़क डामर की बनाई जाएगी। आबादी क्षेत्र में क्षेत्रीय रहवासियों के सुरक्षित आवागमन के लिए अलग से सीमेंट-कांक्रीट की एप्रोच रोड बनाई जाएगी।