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चीन: कोविड लॉकडाउन से पूरी दुनिया पर पड़ रहा है असर

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बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस से बुरा हाल है। शंघाई सहित चीन के कई शहरों में लॉकडाउन लगा हुआ है। चीन में कोविड के बढ़ते प्रकोप का असर दुनिया पर दिखने लगा है। दुनिया में जूते-चप्पल, गैजेट्स, ऑटो सेक्टर की आपूर्ति प्रभावित हुई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका से लेकर ऑस्ट्रेलिया तक के अस्पताल एक्स-रे में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की कमी से जूझ रहे हैं। लक्जरी बाथरूम और रसोई काउंटरटॉप्स शिपमेंट के लिए दुनिया में महीनों की देरी देखी जा रही है। कंपनियों का कहना है कि सप्लाई चेन पहले से ही बिगड़ी हुई है और चीन में कोविड के कारण सप्लाई चेन का मामला और बिगड़ गया है।
हेल्थकेयर सेक्टर पर भी पड़ रहा असर
ग्रेटर न्यूयॉर्क हॉस्पिटल एसोसिएशन ने कहा है कि स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में एक आयोडीन युक्त कंट्रास्ट मीडियम की कमी देखी गई है जिसे ओमनीपैक के नाम से जाना जाता है, जो शंघाई में जीई हेल्थकेयर फैक्ट्री में उत्पादित होता है। इस रासायनिक एजेंट का व्यापक रूप से एक्स-रे, रेडियोग्राफी और सीटी स्कैन में इस्तेमाल किया जाता है। हॉस्पिटल एसोसिएशन ने चेतावनी दी कि अगले दो महीनों के लिए आपूर्ति में 80 फीसद तक की कटौती की जा सकती है, भले ही कारखाने ने अब उत्पादन फिर से शुरू कर दिया हो।
चीन से बाहर के बाजारों की भी बढ़ी दिक्कतें
लक्जरी स्टीरियो और टीवी सेट बनाने वाली कंपनियों ने कहा है कि लॉकडाउन न सिर्फ स्थानीय बिक्री को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि चीन के बाहर के बाजारों में भी फैल रहा है क्योंकि गोदामों तक सीमित पहुंच के कारण लॉजिस्टिक की समस्या बढ़ती जा रही है। वोक्सवैगन एजी से लेकर टोयोटा मोटर कॉर्प तक कई कार निर्माताओं ने फिर से उत्पादन शुरू कर दिया है हालांकि उन्हें कई दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है।
वियतनाम जैसे देशों की दिक्कतें बढ़ीं
चीन के बाहर के कार निर्माताओं की भी दिक्कतें बढ़ी हुई हैं क्योंकि चीन से उत्पादित पुर्जे नहीं आ रहे हैं। इसके साथ ही वियतनाम जैसे देश कपड़े और जूते के कारखाने ऑर्डर पूरा करने के लिए दिक्कतों का सामना कर रहे हैं क्योंकि स्नीकर्स से लेकर पैंट तक सब कुछ बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चीनी सामग्री की आपूर्ति अटकी हुई है।