पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग हम सभी करते हैं। लेकिन कई बार सफ़र में मुश्किलें भी हो जाती हैं। कारण आस-पास के लोगों की अजीब-अजीब हरकतें हमें परेशान कर देती हैं। कुछ सहयात्री ज़ोर-ज़ोर से ऊंची आवाज़ में बातें करतें हैं, गाना सुनते हैं, ठहाके लगाते हैं, तेज़-तेज़ गाना सुनते हैं। हर एक को यह समझना ज़रूरी है कि सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट सबके लिये है। यहां अपनी हरकतों से किसी के लिये परेशानी का सबब न बनें ताकि किसी का सुहाना सफर तकलीफदेह न बन जाये।
सीट नहीं, तो जगह दें
बहुत से लोग पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सीट मिलते ही चौड़े होकर पसर जाते हैं। कुछ तो आंखें बंद करके सो जाते हैं। यदि आप बुजुर्ग, महिला या जरूरतमंद को सीट नहीं दे सकते तो कम से कम एडजस्ट करें। यानी थोड़ा आगे-पीछे हों या उनका कुछ सामान पकड़ लें। याद रखें कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर जितना आपका अधिकार है, उतना ही औरों का है।
नाखून चबाना और काटना
बहुत लोगों की आदत होती है पब्लिक ट्रांसपोर्ट में नाखून कुतरते रहते हैं। भले ही यह हरकत उनका टाइम पास करती है, पर देखने वाले को घिन आती है। साथ ही यह दिखाता है कि वे सेहत के प्रति कितने लापरवाह हैं। कुछ किसी नुकीली चीज़ से नाखूनों और कानों में जमा गंदगी साफ करते हैं और मैल को सीट पर चिपका देते हैं। कुछ महिलाएं तो बस में नाखून फाइल करती हैं और घिसे नाखूनों का धुआं फूंक से उड़ाती हैं।
उंगलियां चटकाना
अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट में चट-चट उंगलियां चटकाने की आवाज़ भी सुनने को मिलती है। इससे सभी लोगों का ध्यान उसी तरफ जाता है। अगर आपको उंगलियां चटकाने का इतना ही शौक है तो उस शौक को घर तक ही रहने दें। आपकी यह हरकत सफर में किताब पढ़ने वाले, फोन पर बात करने वालों को तंग कर सकती है।
आवाज़ कम रखें
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में मोबाइल का प्रयोग करें, लेकिन ध्यान रहे कि इससे दूसरों को परेशानी न हो। ज़ोर से फोन पर बात नहीं करें, तेज़ आवाज़ में गाने न सुनें, चैट की आवाज़ म्यूट रखें, मोबाइल में इतना न घुस जायें कि सामने वाले से टक्कर हो जाए।
तेज़-तेज़ गाने नहीं
आपकी ज़ोर-ज़ोर से गाने सुनने की आदत दूसरों को परेशान करती है। इसलिए गाने सुनते समय म्यूजि़क को अपने कानों तक ही रखें। किसी के टोकने पर यह तर्क नहीं दें कि हम तो आपको भी सुना रहे हैं। ज़रूरी नहीं आप सुकून में हैं तो दूसरे भी हों। बहुतेरे लोग सफ़र में बहुत कुछ मानसिक काम करते हैं। आपकी यह हरकत उन्हें परेशान कर सकती है।
खाना ही खाना
पब्लिक ट्रांसपोर्ट में खाने-पीने ती चीजें न बिखेरेंें। कुछ लोगों की आदत होती है पब्लिक ट्रांसपोर्ट में खाना खाते हैं और जगह-जगह बचा खाना और पैकिंग पेपर बिखेर देते हैं। खाने की गंध दूसरों को परेशान कर सकती है।
खुद संभालें बैग
कई बार पब्लिक ट्रांसपोर्ट में बैग मुसीबत बन जाता है। बैगेज किसी और का और चोट खाता है कोई और। बहुत से लोग तो सीट पर विराजमान भी होते हैं और अपने सामान को भी सीट पर ही विश्राम कराते हैं। बैगपैक वाले लोगों को भी ध्यान रखना चाहिए कि भीड़ में यह दूसरे लोगों के लिए कितनी दिक्कत पैदा कर सकता है।