Home देश 16 मई को CM योगी और मंत्रिमंडल से करेंगे मुलाकात PM

16 मई को CM योगी और मंत्रिमंडल से करेंगे मुलाकात PM

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक होगी. 16 मई को नेपाल यात्रा से आने के बाद पीएम मोदी लखनऊ में कालीदास मार्ग पर मुख्यमंत्री आवास पर आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों से मिलेंगे. नई सरकार के गठन के बाद पीएम मोदी की पहली बार सभी मंत्रियों संग मुलाकात होगी. PM सरकार की प्राथमिकताओं और सुशासन के बारे में मंत्रियों को टिप्स देंगे. नेपाल से लौटने के बाद 4 बजकर 20 मिनट पर पीएम मोदी कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर का भी दौरा करेंगे।
16 मई को लुम्बिनी जाएंगे PM
PM मोदी बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर 16 मई को लुम्बिनी जाएंगे. यह पीएम मोदी का 5वां नेपाल दौरा होगा, जबकि लुम्बिनी का यह पहला दौरा होगा. दौरे की शुरुआत में पीएम मोदी माया देवी मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे. लुम्बिनी में पीएम मोदी नेपाल पीएम के साथ द्विपक्षीय मुलाकात भी करेंगे।
वाराणसी के जंगमबाड़ी मठ पहुंचे CM
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को वाराणसी के जंगमबाड़ी मठ के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान सीएम ने कहा कि काशी में मां अन्नपूर्णा की विशेष कृपा है. पिछले 2 वर्ष पहले मैं यहां गुरुकुल शताब्दी कार्यक्रम में शामिल हुआ था, उस समय प्रधानमंत्री जी भी थे. उन्होंने कहा, भारत में अलग अलग पंथ सम्प्रदाय हैं. ये अलग अलग रास्ते हैं, लेकिन लक्ष्य एक है, वसुधैव कुटुम्बकम की भावना को दिखाता है. मैं दक्षिण में गया, लेकिन मैं हमेशा मठ मंदिर में ही रुका।
उन्होंने कहा कि हम सब धर्म के अनुयायी हैं और भारत के भी अनुयायी हैं. सीएम ने कहा कि आज भारत विकास के नए आयाम तय कर रहा है. जब राष्ट्र मजबूत होता है तो धर्म भी मजबूत होता है. CM ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ को भी यूनेस्को ने मान्यता दी है. ये भारत की वैश्विक मंच पर सशक्त होने का प्रमाण है।
काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ से है
उन्होंने कहा,काशी की पहचान बाबा विश्वनाथ से है. मठ में एक पीढ़ी दूसरी पीढ़ी को संस्कारो को आगे बढ़ाने का कार्य करती है, मठों में ज्ञान की परंपरा को ही बढ़ाया जाता है. धर्म की स्थापना करने के लिए मठ हमेशा अग्रसर रहे. काशी में काशी विश्वनाथ धाम नए स्वरूप में आ गया है, यही काम अयोध्या में भी हो रहा है. हमारा प्रयास है कि देश के अलग-अलग मठों के लिए उनके केंद्र की स्थापना के लिए हर संभव प्रयास व जमीन आवंटन हो।