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विष्णुदेव सरकार में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण…भ्रष्टाचार में जेल गये सहायक राजस्व निरीक्षक को फिर दिया वही प्रभार…जमानत में हैं बाहर…मामला न्यायालय में लंबित…डिप्टी CM के गृहजिले का मामला…चल रही बड़ी प्लानिंग…

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मुंगेली/ भ्रष्टाचार की पर्याय बनी मुंगेली नगर पालिका में आये दिन कुछ न कुछ अजीबोगरीब मामला देखने सुनने को मिल जाता हैं। पहले बीआर साव स्कूल में अवैध कॉम्प्लेक्स निर्माण, उसके बाद 13 लाख के नाली भ्रष्टाचार मामले में बड़े अधिकारी और जनप्रतिधि जेल जा चुके हैं और वर्तमान में मवेशी बाजार की वसूली राशि के गबन मामले में भी नगर पालिका के अधिकारी, कर्मचारी जेल में हैं।
अभी यहां करीब तीन वर्ष पुराने नाली निर्माण घोटाले का ज़िक्र करना आवश्यक हैं, आपको बता दें कि कागज में नाली निर्माण कर, किये गए भुगतान मामले में सिटी कोतवाली मुंगेली में अपराध क्रमांक 372/21 के तहत 6 लोगों के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध हुआ था, जिसमें आईपीसी की धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था, मामले में बयान के बाद एवं विवेचना के दौरान आरोपियों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 120(B), 409, 467,468 और 471 जोड़ा गया था। कागज में नाली निर्माण कर भुगतान वाले मामले की शिकायत जनप्रतिनिधियों द्वारा मुंगेली कलेक्टर से किया गया था. कलेक्टर द्वारा SDM को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया, तत्कालीन SDM द्वारा मामले की सूक्ष्मता से जांच किया और अंतरिम और अंतिम रिपोर्ट कलेक्टर को प्रेषित किया गया था। जांच रिपोर्ट में नाली निर्माण हुए बिना राशि आहरित किये जाने की पुष्टि हुई थी, उच्च स्तरीय जांच में भ्रष्टाचार होना पाया गया, जिसके बाद तत्कालीन कलेक्टर ने तत्कालीन CMO मनीष वारे को लिखित आदेश देते हुए भ्रष्टाचार में संलिप्त तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष संतुलाल सोनकर, तत्कालीन सीएमओ विकास पाटले, तत्कालीन इंजीनियर जोयस तिग्गा, सियाराम साहू, आंनद निषाद, सोफिया कंट्रक्शन के प्रोपाइटर ठेकेदार सहित 6 लोगों के खिलाफ थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करने कहा गया था, जिसके चलते इन 6 लोगों के खिलाफ सिटी कोतवाली में अपराध पंजीबद्ध हुआ, जिसके बाद सभी क्रमशः जेल गए और जिला एवं सत्र न्यायालय से इन आरोपियों की जमानत याचिका खारिज भी हुई, बाद में हाईकोर्ट से इन्हें जमानत मिली।अभियोग पत्र पेश करने के बाद से यह मामला न्यायालय में लंबित हैं, जिसकी अगली पेशी तारीख इसी सितम्बर माह की 29 तारीख को हैं।
यह पूरी बात बताने का उद्देश्य यह हैं कि नाली भ्रष्टाचार के सभी 6 आरोपियों का मामला अभी भी न्यायालय में लंबित हैं ऐसे में नगर पालिका मुंगेली के मुख्य नगर पालिका अधिकारी द्वारा दिनांक 03/09/2024 को आदेश निकाल नाली घोटाले के आरोपी सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू को पुनः लोक निर्माण विभाग का दायित्व सौंप दिया गया हैं, जिसके चलते यहां बवाल मचा हुआ हैं, कई जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने कहा कि जब सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू का मामला न्यायालय में लंबित हैं तो ऐसे में पुनः उसे इतने महत्वपूर्ण विभाग का दायित्व क्यों सौंप दिया गया हैं ? क्या सीएमओ के ऊपर किसी का दबाव था ? साथ ही इस मामले में मुंगेलीवासियों ने कहा कि यह मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान पर धब्बा हैं, डिप्टी सीएम अरुण साव के गृहजिले के नगर पालिका में अगर ऐसे भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा मिलेगा तो आने वाले समय में फिर बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा सकता हैं।

नाम गुप्त रखने की शर्त पे एक जनप्रतिधि ने बताया कि सहायक राजस्व निरीक्षक सियाराम साहू के पदस्थापना के समय की कई महत्वपूर्ण फाइलें जिनका भुगतान भी बचा हैं उसे किसी प्लानिंग के तहत निकालने की तैयारी हैं, साथ ही नगर पालिका से कुछ फाईल गायब भी हैं, अब ऐसे में हाल ही में पदस्थ हुए नए मुख्य नगर पालिका अधिकारी आशीष तिवारी के सामने कई चुनौतियां हैं, कि उनसे कोई अधीनस्थ अधिकारी या कर्मचारी कोई गलत दस्तावेज या नियम विरुद्ध भुगतान न करा दे। फिलहाल इस मामले में संबंधित अधिकारी से कोई संतुष्टिपूर्ण जवाब नहीं मिल पाया।