रायपुर। प्रदेश में संचालित स्कूलों में कक्षा पहली से कक्षा बारहवीं तक के करीब एक लाख अस्सी हजार शिक्षक स्वयं का आकलन करने जा रहे हैं। यह आकलन आज से शुरू हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के पढ़ई तुहर दुआर पोर्टल पर ही शिक्षक स्व आकलन का पृष्ठ जोड़ा गया है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा शनिवार दोपहर 3 बजे से वेबिनार आयोजित कर सभी शिक्षकों को स्व-आकलन की पद्धति से अवगत कराया गया। इसके पश्चात पोर्टल पर शिक्षक स्व आकलन का यह पृष्ठ सक्रिय हो गया। शिक्षक अपना स्व आकलन मोबाइल के माध्यम से कर पाएंगे।
उल्लेखनीय है कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को अपने जिले के शत्-प्रतिशत शिक्षकों का स्व-आकलन सुनिश्चित करने का दायित्व सौंपा गया है। प्रदेश के 5540 संकुलों के प्राचार्य अपने संकुल केंद्र अंतर्गत आने वाली सभी शालाओं के शिक्षकों का संकुल केंद्र पर स्व-आकलन सुनिश्चित करेंगे।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक राजेश सिंह राणा ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षक स्व आकलन का यह टूल्स राज्य शैक्षिक परिषद अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने विकसित किया है। यह एनसीईआरटी द्वारा विकसित शिक्षक स्व आकलन उपकरण पीआईएनडीआईसीएस (2013) और टीएसएआर (2019) पर आधारित एवं इसका सरलीकृत रूप है। श्री राणा ने बताया कि शिक्षक स्व-आकलन का यह उपकरण शिक्षकों को 6 निष्पादन मानकों पर आकलित करता है। शिक्षक इन मानकों से संबंधित 40 निष्पादन सूचकों पर अपने निष्पादन स्तर का आकलन स्वयं करते हैं। शिक्षक स्व आकलन के इस टूल से स्वयं की क्षमता और कमजोरी जान पाते हैं और अपनी शैक्षिक उन्नयन के क्षेत्रों से परिचित होते हैं। शिक्षक की वास्तविक भूमिका और उससे जुड़ी अपेक्षाओं को जान पाते हैं। शिक्षक अपने कमजोर क्षेत्र को जानकर मार्गदर्शन और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं को समझ पाएंगे। शिक्षक स्व-आकलन छत्तीसगढ़ को एससीईआरटी द्वारा एनआईसी के तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है।