मुंबई
महाराष्ट्र में जहां एक ओर छत्रपति शिवाजी महाराज का स्टैच्यू गिरने पर राजनीति गरमाई हुई है तो वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इंफ्रास्ट्रक्चर फेल्योर को रोकने के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल करने पर जोर दिया है। नई दिल्ली में केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने का जिक्र करते हुए उन्होंने मुंबई के फ्लाईओवर के साथ अपने अनुभव को साझा किया। जहां पाउडर-कोटिंग के बावजूद लोहे की छड़ें जंग खा गईं। नितिन गडकरी ने कहा कि तटीय क्षेत्रों में संरचनात्मक विफलताओं को रोकने के लिए स्टेनलेस स्टील जैसी जंग-रोधी सामग्री का उपयोग होना चाहिए। स्टैच्यू के गिरने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी माफी मांगी थी। राज्य में एमवीए ने इसे मुद्दा बना लिया है और शिवाजी के अपमान से जोड़ते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।
तो नहीं गिरता शिवाजी का स्टैच्यू
केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि सिंधुदुर्ग में शिवाजी महाराज की मूर्ति बनाने में अगर स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता तो यह कभी नहीं गिरती। उन्होंने तटीय क्षेत्रों में जंगरोधी उत्पादों के इस्तेमाल की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैं पिछले तीन सालों से इस बात पर जोर दे रहा हूं कि समुद्र के नजदीक बने पुलों के निर्माण में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जब मैं (राज्य मंत्री के तौर पर) मुंबई में 55 फ्लाईओवर के निर्माण का काम कर रहा था, तो एक व्यक्ति ने मुझे झांसे में ले लिया। उसने लोहे की छड़ों पर पाउडर कोटिंग लगाई और कहा कि ये जंगरोधी हैं, लेकिन उनमें जंग लग रही थी।
30 किमी के दायरे में स्टील ही विकल्प
नितिन गडकरी ने कहा कि अब मुझे लगता है कि समुद्र से 30 किलोमीटर के अंदर की सभी सड़कों में स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अगर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल किया गया होता तो यह कभी नहीं गिरती। उन्होंने फिक्की के एक कार्यक्रम में कहा। छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के मूर्तिकार के खिलाफ लुकआउट नोटिस सिंधुदुर्ग पुलिस ने मूर्तिकार जयदीप आप्टे के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। छत्रपति शिवाजी की मूर्ति गिरने के बाद से वह एक हफ्ते से लापता है। मालवन में राजकोट किले में शिवाजी की मूर्ति। पिछले हफ़्ते मालवन पुलिस ने आप्टे और स्ट्रक्चरल इंजीनियर चेतन पाटिल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की। पाटिल 5 सितंबर तक पुलिस हिरासत में है, जबकि आप्टे अभी भी छिपा हुआ है।