इंदौर
इंदौर शहर से यातायात के दबाव को कम करने के लिए बसों को बाहर किया जाना है। इसके लिए बाहरी क्षेत्रों में अंतरराज्यीय बस टर्मिनल (आईएसबीटी) बनाए जा रहे हैं। नायता मुंडला में बनाए गए आईएसबीटी से एक सितंबर से बसों का संचालन शुरू होना था, लेकिन एप्रोच रोड अधूरी होने से अब आठ सितंबर से बस स्टैंड को शुरू किया जाएगा।
यहां से महाराष्ट्र की तरफ जाने वाली बसों को चलाया जाएगा। शहर के अंदर से महाराष्ट्र के लिए चलने वाली लंबी दूरी की सभी बसों को नायता मुंडला बस स्टैंड से चलाया जाना है। इसमें एआईसीटीएसएल द्वारा महाराष्ट्र के लिए संचालित होने वाली करीब 22 बसों को भी स्थानांतरित किया जाएगा।
यह बसें वर्तमान में गीता भवन चौराहा के पास एआईसीटीएसएल के बस स्टैंड से संचालित होती हैं। इसके अलावा शहर में अन्य स्थानों से संचालित होने वाली बसों को भी यहां पर स्थानांतरित किया जाएगा, ताकि शहर के अंदर से बसों का दबाव कम हो सके।
600 बसें प्रतिदिन हो सकेंगी संचालित
नायता मुंडला बस स्टैंड पर यात्रियों के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं जुटाई गई हैं। यहां से प्रतिदिन 600 बसें संचालित हो सकेंगी। दोपहिया और चार पहिया वाहनों के लिए अलग से पार्किंग बनाई गई है। तीन सौ दोपहिया और डेढ़ सौ चार पहिया वाहन पार्क हो सकेंगे। परिसर में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
सिटी बसों के मेंटेनेंस के लिए बनेंगे नए डिपो
हाल ही में अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (एआईसीटीएसएल) में सीईओ की जिम्मेदारी मिलने के बाद दिव्यांक सिंह ने रविवार को सिटी बस, आई-बस, बीआरटीएस आदि का निरीक्षण किया। उन्होंने यात्रियों से चर्चा भी की। इस दौरान संबंधित कर्मचारी व सुपरवाइजर भी मौजूद थे।
सीईओ सिंह ने बताया कि सिटी और आइ बस में यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं को ध्यान में रखकर निरीक्षण किया। इसमें सामने आया कि बसों की बेहतर सफाई नहीं होती है। साथ ही समय पर संचालन भी नहीं हो पा रहा है। इसे लेकर निर्देश दिए हैं।
इंदौर शहर में वर्तमान में सिटी बसों के मेंटनेंस के लिए नौ डिपो हैं, जबकि बसों की संख्या के लिहाज से डिपो की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए नई जगह तलाश रहे हैं। इसके साथ ही राजस्व बढ़ाने के लिए विज्ञापन प्रदर्शन के लिए नई जगह तैयार करने के लिए कहा है। यात्रियों ने भी यात्रा के दौरान आने वाली परेशानी के बारे में बताया है, जिसे दूर किया जाएगा।