Home छत्तीसगढ़ पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत: छत्तीसगढ़ को मिलेगा 1600 करोड़ रु.के निवेश का लाभ

पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत: छत्तीसगढ़ को मिलेगा 1600 करोड़ रु.के निवेश का लाभ

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रायपुर
पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति की 50 वीं बैठक ,समिति के अध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ शासन के सचिव ऊर्जा व छत्तीसगढ़ पॉवर कम्पनीज के अध्यक्ष पी.दयानंद की अध्यक्षता में ऊटी में 24 अगस्त को संपन्न हुई। अपने अतिव्यस्त कार्यक्रमों के कारण दयानंद ने रायपुर से आॅनलाइन बैठक में भाग लिया और बैठक की अध्यक्षता भी आॅनलाइन की। समिति की बैठक में पश्चिम क्षेत्र में सम्मिलित 7 राज्यों की पारेषण प्रणाली के संचालन ,नई अंतर- राज्यीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन व संचालन से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई ,विभिन्न राज्यों में प्रचलित परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई तथा तेजी से कार्य पूर्ण करने के लिये महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।

छत्तीसगढ़ में अति उच्च दाब की अंतर-राज्यीय पारेषण परियोजनाओं के लगभग 1600 करोड़ रु. की लागत के कार्यों की प्रगति की समीक्षा बैठक में की गई तथा सभी कार्यों को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।जिसका लाभ छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों को मिलेगा। पी. दयानंद 1 अप्रैल 2024 से पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति के अध्यक्ष नियुक्त किए गये हैं। इस समिति में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गोवा, दमन और दीव, दादरा एवं नगर हवेली की उत्पादन, पारेषण, वितरण पॉवर कम्पनीज, एनटीपीसी, पॉवर ग्रिड कारपोरेशन आॅफ इंडिया, इन राज्यों की निजी पॉवर उत्पादक कंपनियाँ, निजी पारेषण व ट्रेडिंग कंपनियाँ , राज्य एवं क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र सम्मिलित हैं। देश के पश्चिम क्षेत्र में विद्युत प्रणाली को सुदृढ़ बनाने में पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है। हर तीन माह में समिति की बैठक आयोजित की जाती है।इसी कड़ी में ऊटी में समिति की 50 वीं बैठक 23-24 अगस्त को संपन्न हुई।इस बैठक में पॉवर के अंतर-राज्यीय मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय हुये जैसे नयी पारेषण लाइनों व उपकेंद्रों की प्रगति,डेटा के संचार हेतु समिति का गठन, अंतर-राज्यीय पॉवर एक्सचेंज से संबंधित विभिन्न वाणिज्यिक व मीटरिंग व्यवस्था के आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर आपसी सहमति से निर्णय लिये गये।साथ ही पूर्व निर्णयों के त्वरित क्रियान्वयन ,समस्याओं के समाधान आदि विषयों पर भी चर्चा की गई।

इसके पूर्व 23 अगस्त पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति की तकनीकी समन्वय समिति की बैठक राजेश कुमार शुक्ला, प्रबंध निदेशक ,छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी की अध्यक्षता में ऊटी में ही संपन्न हुई थी। // उत्पादन,मांग और उपलब्धता के अंतर को पाटने का बेहतर विकल्प है अंतर-राज्यीय समन्वय- दयानंद // पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत समिति के अध्यक्ष पी. दयानंद का कहना है कि छत्तीसगढ़ सहित सातों राज्यों मेॅ विद्युत आपूर्ति की गुणवत्तापूर्ण में सुधार और समुचित उपलब्घता सुनिश्चित करने में अंतर-राज्यीय समन्वय की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। अन्य राज्यों में तत्समय उपलब्ध अतिरिक्त बिजली को अधिक आवश्यकता वाले राज्यों में भेजना एक श्रेष्ठ समाधान है ,जो बिजली घरों की अत्यधिक लागत और स्थापना में लगने वाले समय के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण हैं। विस्तृत अंतर-राज्यीय पारेषण नेटवर्क,राज्य विशेष में उत्पादन क्षमता बढ़ाने में लगने वाले लंबे समय में बीच में भी राज्य विशेष की तात्कालिक आवश्यकता को पूरा करने का बेहतर विकल्प है।अत: अंतर-राज्यीय समन्वय तथा सहयोग बढ़ाने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

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