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छत्तीसगढ़-बीजापुर के लाइनमैन की जिद से 20 साल बाद रिटायरमेन्ट के दिन रोशन हुए पोंगलवाया के 28 घर

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बीजापुर.

बीते दो दशक से भी ज्यादा समय से अंधेरे में डूबा पालनार का पोंगलवाया पारा बिजली कंपनी के लाइनमैन सोनसाय बाकडे की जिद से अब फिर रौशन हो गया है। बताया जा रहा है कि पोंगलवाया पारा के 28 गांव 20 साल बाद फिर से जगमगाने लगे हैं। इसके साथ ही कुछ समय में अंधेरे में डूबे पालनार के घरों तक भी बिजली पहुंच जाएगी।

बताया जा रहा है कि लाइनमैन सोनसाय बाकडे ने गांव को रौशन करने के लिए करीब दो हफ्तों तक अपने साथियों के साथ लगातार परिश्रम किया और अपनी सेवानिवृत्ति के दिन पोंगलवाया पारा के 28 घरों को रौशन भी कर दिया। बताया जा रहा है कि करीब 20 साल पहले गांव में बीजापुर से गंगालूर होते हुए पालनार तक बिजली की लाइन मौजूद थी, जिसे नक्सलियों ने ध्वस्त कर दिया था और तब से पूरा गांव अंधेरे में डूब गया। अब फिर से घरों में बिजली के बल्ब जगमगाने लगे हैं, जिसे लेकर ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।

400 घरों तक बिजली
बताया जा रहा है कि 11 केवी लाइन से पालनार क्षेत्र के आठ गांवों के 400 घरों तक बिजली पहुंचाया जाना है। इसके लिए बीजापुर से चेरपाल होते हुए पालनार तक बिजली की लाइन डाली गई। करीब दो हफ्तों तक लगातार चले काम के बाद पोंगलवाया पारा के 28 घर रौशन हो गए हैं।

गांवों को रौशन करने के लगातार प्रयास
बिजली कंपनी में बतौर लाइनमैन कार्यरत रहे जो शनिवार को  सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति से पहले उन्होंने पोंगलवाया पारा के 28 गांवों को अपने हाथ से बिजली सप्लाई चालू कर रौशन किया। ग्रामीणों ने बताया कि सोनसाय ने गांव में बिजली पहुंचाने के लिए खासी मेहनत की थी, जिसका परिणाम उनकी सेवानिवृत्ति के दिन देखने को मिला। ग्रामीणों ने ये भी बताया कि पालनार क्षेत्र के गांवों को रोशन करने के लिए सोनसाय लगातार प्रयासरत रहे। इस ऐतिहासिक दिन पर उनके साथियों के साथ बीजापुर सीपीडीसीएल के डीई उर्वशा भी इस पल साक्षी बने।

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