छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा के लोनीबर्रा श्रीराम जानकी मंदिर कनकधाम के महंत और यज्ञ सम्राट रहे महंत स्व. कनक बिहारी दास महाराज के खाते से 90 लाख रुपये धोखाधड़ी कर निकालने के मामले में आरोपित हैं साध्वी रीना रघुवंशी पर आईजी अनिल कुशवाहा ने 10 हजार का इनाम घोषित किया है। चौरई पुलिस ने अब 2 अन्य को भी आरोपित बनाया गया है। एक तरफ जहां पुलिस ने साध्वी पर इनाम को घोषणा की है। यज्ञ समिति अनुशासन रघुवंशम समाज ने भी 51 हजार का इनाम साध्वी रीना रघुवंशी पर घोषित किया गया है।
कनक बिहारी महाराज का सड़क हादसे में निधन हो गया था
चौरई पुलिस ने जांच के बाद बैंक खाते से रुपए निकालने वाली महिला समेत अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। कनक बिहारी महाराज का सड़क हादसे में 17 अप्रैल 2023 को निधन हो गया था। बम्हनीलाला निवासी और श्रीराम जानकी मंदिर के श्याम सिंह ने एसडीओपी को लिखित शिकायत की थी कि एसबीआई में महंत स्व. कनक बिहारी महाराज का खाता था, जिसमें 90 लाख रुपये जमा थे। उनके उत्तराधिकारी को लेकर प्रकरण सिविल न्यायालय में भी चल रहा है।
धोखाधड़ी कर खाते में मोबाइल नम्बर पंजीकृत करा लिया था
रीना रघुवंशी निवासी कला चापानावर साथियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर खाते में अपना मोबाइल नम्बर पंजीकृत करा लिया था। रीना रघुवंशी ने नेट बैंकिंग के माध्यम से खाते में जमा राशि निकाल ली थी। उन्होंने शिकायत में यह भी बताया था कि महंत स्व. कनक बिहारी महाराज ने वसीयत की थी, जिसमें उन्होंने स्पष्ट लिखा हैं कि उनके ना रहने पर श्याम सिंह को उनका उत्तराधिकारी माना जाएगा।
वसीयत के आधार पर चीजों का निपटारा किया था
चांद के सेंट्रल बैंक ने भी इसी वसीयत के आधार पर चीजों का निपटारा किया था, लेकिन चौरई एसबीआई से उक्त वसीयत को न मानते हुए एक तरफा भुगतान कर दिया हैं। पुलिस ने जांच के बाद रीना रघुवंशी उर्फ साध्वी लक्ष्मीदास साध्वी के भाई हर्ष रघुवंशी एवं साध्वी के करीबी सागर निवासी मनीष उर्फ विराज सोनी के खिलाफ धारा 420, 406, 404, 403 के तहत मामला दर्ज किया था।
मामले की शिकायत किए डेड माह से अधिक समय बीता
रघुवंशी समाज द्वारा इस मामले की शिकायत किए डेड माह से अधिक समय बीत गया है। लेकिन चौरई पुलिस द्वारा इस लाखों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में एक भी आरोपी को हिरासत में नही लिया गया है। जबकि पुलिस द्वारा अब तक इस मामले में अन्य 2 लोगो के खिलाफ भी मामला दर्ज कर उन्हें आरोपी बनाया गया है। अब ये देखना होगा कि आईजी अनिल कुशवाह द्वारा 10 हजार का इनाम की घोषणा करने के बाद भी कब तक इन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।