रायगढ़ से सुशील पांड़े की रिपोर्ट
गड़बडियो की जांच के बिना ही प्रशासन ने विस्तार के लिए करवा दी जनसुनवाई
रायगढ़। नियम विरुद्ध संचालित फिल कोल बेनिफिकेशन की जांच शुरू हो गई। बिना डायवर्सन के जमीन पर व्यावसायिक उपयोग करने के अलावा भूजल का अवैध दोहन भी कोल वाशरी के लिए किया जा रहा है। कलेक्टर के आदेश पर सहायक कलेक्टर जांच करने पहुंचे।
15 साल से नियमों को ठेंगा दिखाकर फिल कोल बेनिफिकेशन का संचालन हो रहा है। प्रदीप झा और प्रवीण झा ने जिन शर्तों पर कोल वाशरी और भंडारण का लाइसेंस लिया था, कभी उन्हें पूरा किया ही नहीं। प्रशासन भी इसे नजरअंदाज करता रहा। करीब 21 एकड़ में वाशरी का काम चलता रहा लेकिन डायवर्सन केवल 4 एकड़ का ही हुआ है। घरघोड़ा तहसील से इसकी जांच कराई गई थी लेकिन रिपोर्ट दबा दी गई। प्रदूषण रोकने के लिए जो काम किए जाने थे, वे कभी हुए ही नहीं। पर्यावरण विभाग कई बार जांच करने के बाद कोई कार्रवाई नहीं कर सका। जानबूझकर नियम विरुद्ध इसका संचालन होने दिया गया। घरघोड़ा और तमनार क्षेत्र में इसीलिए प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है क्योंकि इसके कारकों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। हाल ही में वाशरी के विस्तार के लिए जनसुनवाई भी करवा ली गई। क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी ने जांच रिपोर्ट होने के बाद भी शर्तों का पालन नहीं करवाया। अब जाकर कलेक्टर भीमसिंह ने सहायक कलेक्टर प्रतीक जैन को जांच का आदेश दिया है। मंगलवार को वे जांच करने कोल वाशरी में पहुंचे।
पानी का इस्तेमाल करने पर पेनाल्टी
कोल वाशरी के लिए एक एनओसी फर्जी निकली तो दूसरी में घरेलू उपयोग के लिए दो बोरवेल खनन की अनुमति दी गई थी। लेकिन व्यावसायिक संस्थान के लिए कैसा घरेलू उपयोग। वाशरी का विस्तार करने के लिए रोजाना 425 केएलडी पानी कुरकेट नदी से लेने की जानकारी दी गई लेकिन यह भी संदेहास्पद है। अब तक अवैध भूजल दोहन पर पीएचई और जल संसाधन विभाग को कार्रवाई करनी है लेकिन वहां भी चुप्पी है। सहायक कलेक्टर ने इन सभी बिंदुओं के आधार पर निरीक्षण कर लिया है।