प्रदेश में विकास योजनाओं को तेज गति देने के लिये टीडीआर पोर्टल
नगर तथा ग्राम निवेश ने तैयार किया पोर्टल
भोपाल
प्रदेश में सरकारी विकास परियोजनाओं के लिये भूमि प्राप्त करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने और पारदर्शी बनाने के लिये नगर तथा ग्राम निवेश (टाउन एण्ड कंट्री प्लानिंग) ने हस्तांतरणीय विकास अधिकार पोर्टल (टीडीआर पोर्टल) तैयार किया है। यह पोर्टल एमपीएसईडीसी के माध्यम से तैयार हुआ है। इस पोर्टल को तैयार करने का उद्देश्य योजनाबद्ध और नियंत्रित विकास को प्रोत्साहित करना है। पोर्टल के माध्यम से भूमि स्वामी अपनी भूमि की विकास क्षमता को एक स्थान से दूसरे स्थान पर हस्तांतरित कर सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भोपाल में 12 अगस्त को हुए समारोह में टीडीआर पोर्टल को लांच कर नागरिकों को सुविधा प्रदान की थी।
प्रदेश में कोई भी सरकारी एजेंसी, जिसे अपनी परियोजना के क्रियान्वयन के लिये किसी भूमि की आवश्यकता होती है, वह टीडीआर पोर्टल के माध्यम से उस भूमि को प्राप्त करने के लिये आवेदन कर सकती है। इसके बाद जिस भी भूमि स्वामी द्वारा शासकीय परियोजनाओं के लिये नि:शुल्क भूमि दी जाती है, उसे उसकी समर्पित की गई भूमि के कम से कम दोगुने क्षेत्र के विकास अधिकार की पात्रता मिलती है। भूमि स्वामी स्वयं इन विकास अधिकारों का उपयोग कर सकता है या टीडीआर बैंक के माध्यम से इन्हें बेच सकता है। इसके अतिरिक्त इस पोर्टल पर आम नागरिकों या किसी निर्माण संस्था द्वारा भी इन्हें खरीदा जा सकता है। टीडीआर पोर्टल के माध्यम से क्रेता और विक्रेता दोनों ही अपनी आवश्यकतानुसार एक-दूसरे से जुड़ सकते हैं। टीडीआर पोर्टल पर समस्त वितरित किये गये विकास अधिकारों की सूची भी उपलब्ध रहेगी, जिसे देखा जा सकता है।
टीडीआर पूर्णत: सुरक्षित एवं यूजर फ्रेण्डली है। यह भूमि अधिग्रहण की विकास क्षमता के उपयोग को सरकार और भू-स्वामी, दोनों के लिये लाभकारी बनाता है।
टीडीआर पोर्टल में उपलब्ध जानकारी के प्रमुख बिन्दु
मध्यप्रदेश में हस्तांतरणीय विकास अधिकार नियम-2018 प्रभावशील है।
भूमि स्वामी द्वारा भू-स्वामित्व का नि:शुल्क अभ्यार्पण करने पर उसे समर्पित की गई भूमि से कम से कम दोगुने क्षेत्र विकास अधिकार की पात्रता होगी।
नियम के अंतर्गत इंदौर शहर के 4 मार्गों एवं भोपाल के मेट्रो कॉरिडोर को उत्पादन क्षेत्र अधिसूचित किया गया है।
इंदौर और भोपाल के सम्पूर्ण नगर निगम क्षेत्र को अधिसूचित किया गया है।
प्रदेश के बड़े नगरों जैसे इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन की विकास योजनाओं में 24 मीटर एवं उससे अधिक चौड़ाई के मार्गों के अंतर्गत आने वाली भूमि को उत्पादन क्षेत्र अधिसूचित किया गया है।
क्रियान्वयन संस्था द्वारा उत्पादन क्षेत्र हेतु विकास अधिकार प्रमाण-पत्र जारी करने की कार्यवाही की जा रही है।