भोपाल
अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के विकास के लिये राज्य शासन कई जन-कल्याणकारी योजनाएँ संचालित कर रहा है। इसमें राज्य शासन द्वारा अनुसूचित जाति बस्तियों के विकास एवं विद्युतीकरण की योजना के अंतर्गत अधोसंरचना विकास किये जा रहे हैं।
प्रदेश की अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों के अधोसंरचनात्मक विकास के लिये संचालित योजना में 15 मई, 2018 को संशोधन किया गया है। योजना नियमों में अनुसूचित जाति बस्ती से तात्पर्य ऐसे ग्रामों, वार्डों, मोहल्लों, मजरे-टोले और पारे से है, जिनमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या 40 प्रतिशत एवं उससे अधिक हो, ऐसी बस्तियों में अधोसंरचनात्मक विकास के कार्य किये जा रहे हैं।
अनुसूचित जाति बस्तियों में सीसी रोड, नाली निर्माण, मंगल भवन, हैण्ड-पम्प खनन, मुख्य सड़क से अनुसूचित जाति बस्तियों और छात्रावासों तक सड़क निर्माण, रपटा और पुलिया निर्माण के कार्य कराये जाने का प्रावधान है। इसी प्रकार अनुसूचित जाति बाहुल्य बस्तियों में विद्युत लाइन विस्तार संबंधी योजना भी संचालित की जा रही है। अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिये योजना मद में बजट का प्रावधान किया जाता है। बजट प्रावधान के अंतर्गत विकास के कार्य किये जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना
भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा कम से कम 500 आबादी वाले ग्राम, जिसमें अनुसूचित जाति की 50 प्रतिशत जनसंख्या निवासरत है, ऐसे ग्रामों के सर्वांगीण विकास के लिये प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना वर्ष 2014-15 से प्रारंभ की गई है।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से दो प्रकार के कार्य किये जाते हैं, जिसमें ग्राम विकास योजना तैयार कर ग्राम का समुचित अधोसंरचनात्मक विकास विभिन्न विकास विभागों की योजनाओं का क्रियान्वयन कराना तथा उन कार्यों के लिये जहाँ विकास कार्यों के लिये राशि उपलब्ध न हो, वहाँ अंतरपाटन निधि से कार्य किया जाता है। ग्राम के निवासियों को विभिन्न विकास विभाग की योजनाओं की पात्रता, सीमा में आने पर शत-प्रतिशत लाभ दिलाना और स्कूल जाने योग्य बच्चों का प्रवेश शालाओं में कराना, सभी बच्चों का शासकीय योजनाओं के अंतर्गत होने वाला टीकाकरण के साथ ग्राम की विधवाओं, वृद्धावस्था एवं दिव्यांगजन पेंशन और सभी पात्र हितग्रहियों के जन-धन खाते खुलवाने के साथ आधार-कार्ड बनवाना शामिल है।