Home देश हरियाणा हुआ टीबी मुक्त, पांच साल में कोई भी मामला नहीं

हरियाणा हुआ टीबी मुक्त, पांच साल में कोई भी मामला नहीं

7
0

नई दिल्ली
 हरियाणा में पिछले पांच साल में ट्यूबरकुलोसिस (टीबी) का एक भी मामला सामने नहीं आया है।हरियाणा में “मिशन टीबी फ्री” अभियान के अंतर्गत टीबी के निदान में तेजी लाने के लिये कई उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया है। इसकी मदद से न केवल हरियाणा बल्कि समीपवर्ती दिल्ली और उत्तर प्रदेश में टीबी के 10 हजार से अधिक मामलों का निदान किया गया है।

हरियाणा के कई हिस्सों में रैपिड इमेजिंग के लिये एआई-पॉवर्ड डिजिटल एक्स-रे सिस्टम और पॉइंट ऑफ-केयर मॉलिक्युलर डायग्नोसिस के लिये जेनएक्सपर्ट एज (सीबीएनएएटी) जैसे उपकरणों का प्रयोग किया गया। इसकी मदद से निदान का समय घटकर मात्र दो घंटे रह गया है। इस नई तकनीक के उपयोग से टीबी संक्रमित दर में चार प्रतिशत से 55 प्रतिशत तक का सुधार देखा गया है।

राज्य के जिले करनाल और रेवाड़ी में पहले एसीएफ राउंड में कम्युनिटी-बेस्ड एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) विधियों का उपयोग किया गया। इसमे करनाल के 596 लोगों की जांच की गयी जो कि पारंपरिक विधियों से पांच गुना अधिक थी और जांच में टीबी के 108 एक्टिव मामले (18 प्रतिशत) सामने आये। इसी तरह, रेवाड़ी में भी पांच गुना अधिक लोगों की जांच की गयी और 18 प्रतिशत सक्रिय मामले पाये गये।
रेवाड़ी में इस तकनीक के अंतर्गत एक मोबाईल मेडिकल यूनिट के साथ डिजिटल एक्स-रे टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया। इससे टीबी के निदान में 344 प्रतिशत तक सुधार हुआ और स्मियर-नेगेटिव टीबी के मामले भी सामने आये, जो अन्य विधियों से नहीं आ पाते थे।

गौरतलब है कि यह मिशन राज्य के स्वास्थ्य परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। इससे न केवल मरीजों को समय पर और प्रभावी इलाज मिल रहा है, बल्कि बीमारी के फैलाव को भी नियंत्रित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक दशक में, ‘मिशन टीबी फ्री’ के तहत निजी क्षेत्र के अस्पताल मेदांता ने टीबी के लिये 10 लाख लोगों की जांच की है। इसमें 80 हजार से अधिक लोगों की छाती के एक्स-रे शामिल हैं। इस दौरान, हरियाणा और समीपवर्ती दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्यों में टीबी के 10 हजार से अधिक मामलों का निदान किया गया है।

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here