श्रीनगर
लोकसभा चुनाव में तैयार हुआ इंडिया गठबंधन जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बिखरता हुआ नजर आने लगा है। इंडिया गठबंधन के मंच पर साथ-साथ दिखने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की दूरी बनती दिख रही है। विधानसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर आज जब पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती से पूछा गया तो उन्होंने कहा, "हम हमेशा अकेले लड़े हैं। जब से हमारी पार्टी बनी है, हम अकेले लड़े हैं और लोगों के सहारे लड़े हैं। लोगों की तकलीफें दूर करने के लिए लड़े हैं।"
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन हो चुका है। दोनों के बीच सीटों पर भी समझौता हो चुका है। इसके बाद उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि यदि कोई दल साथ आना चाहे तो उसका स्वागत है। अब पीडीपी के बयान से तो साफ झलक रहा है कि तीनों दल इस चुनाव में साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ने जा रहे हैं।
महबूबा की बेटी ने बिजबेहरा सीट से पर्चा दाखिल किया
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती मंगलवार को चुनावी मैदान में उतरने वाली मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी की नेता बन गईं। इल्तिजा ने जम्मू-कश्मीर में पार्टी के गढ़ बिजबेहरा विधानसभा सीट से पीडीपी उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। अपनी मां महबूबा मुफ्ती और सैकड़ों समर्थकों के साथ इल्तिजा मुफ्ती ने बिजबेहरा विधानसभा सीट के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस सीट का प्रतिनिधित्व पिछले चार कार्यकाल से उनके परिवार के करीबी नेता अब्दुल रहमान वीरी कर रहे हैं।
नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि वह विधानसभा में ‘‘कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय और उत्पीड़न’’ का मुद्दा उठाएंगी। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा सच्चाई के साथ खड़ी रही हूं और आगे भी ऐसा करती रहूंगी।’’
इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि यह उनके लिए बहुत भावुक क्षण है क्योंकि उनकी मां महबूबा मुफ्ती और नाना मुफ्ती मोहम्मद सईद ने भी पहली बार बिजबेहरा सीट से चुनावी मैदान में कदम रखा था। सईद ने 1962 में दक्षिण कश्मीर की इस सीट से जीत हासिल की थी, जबकि महबूबा मुफ्ती ने 1996 में इस सीट से जीत के साथ चुनावी राजनीति में कदम रखा था।