मनेन्द्रगढ़
राष्ट्रीय दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 39 वाँ नेत्रदान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक डॉ अविनाश खरे,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आधिकारी मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के निर्देशन व डॉ एस एस सिंह बीएमओ के मार्ग दर्शन में मनाया जाएगा।। पखवाड़े के दौरान स्कूली बच्चों का नेत्र परीक्षण कर नेत्र दान के महत्व एवं क्यों आवश्यक हैं कि जानकारी दिया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसके बारे मे जागरूक हो सके।।। इच्छुक व्यक्तियों का घोषणा पत्र भरा जाएगा ।। इस संबंध में अधिक जानकारी सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्राप्त की जा सकती हैं ।
नेत्र दान मृत्यु उपरांत की जाती हैं,जिससे की कॉर्निया की सफेदी के कारण होने वाले दृष्टिहीनता सर पीड़ित व्यक्तियो को दान से प्राप्त आंख के कॉर्निया का प्रत्यारोपण किया जाता हैं।। नेत्र दान में नेत्र के केवल काले वाले भाग (कॉर्निया) का उपयोग किया जाता हैं।। मृत्यु उपरांत परिजनों को नेत्रदान की जानकारी चिकित्सालय में देनी होती हैं, नेत्र चिकित्सक उनके घर जाकर नेत्र की कॉर्निया निकाल लेते है।
मृत व्यक्ति के आंख को मृत्यु के 6 घंटे के भीतर निकला जाना चाहिए।। चश्मा लगाने वाला व्यक्ति भी नेत्र दान कर सकता हैं। नेत्रदान कैंसर, हेपेटाइटिस, एड्स, रेबीज, टिटेनस आदि संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति नहीं कर सकते है।। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मनेंद्रगढ़ में आज मरीजों, परिजनों को नेत्रदान की जानकारी देकर प्रेरित किया गया साथ ही अपने आसपास के लोगों को जानकारी देने अपील की गई।। इस दौरान डॉ पूर्णिमा सिंह, आर. डी. दीवान सहायक नोडल अधिकारी,(अंधत्व) मुकेश सिंह,प्रेम कुमार यादव, प्यारे साहू,चंद्रावती रजवाड़े, संजय द्विवेदी, विशेश्वरी,सहित काफी संख्या में मरीजों के परिजन व चिकित्सालय में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भी शामिल थे।।