पटना
नरेंद्र मोदी सरकार के वक्फ संशोधन विधेयक का लोकसभा में समर्थन और बचाव करने के बाद केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की पटना में मुस्लिम नेताओं से मुलाकात हुई है। मुलाकात के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा है कि बिल पर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में जदयू के प्रतिनिधि मुसलमानों की चिंताओं को उठाएंगे। 31 सदस्यीय जेपीसी में जेडीयू की तरफ से सुपौल के सांसद दिलेश्वर कमैत मेंबर हैं। समिति की पहली बैठक हो चुकी है जिसमें वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को रखने का विपक्षी दलों ने एक स्वर से विरोध किया। पहली मीटिंग में कमैत ने कहा था कि बिल को लेकर चिंतित मुसलमानों से जेडीयू बात कर रही है इसलिए वो अगली बैठक में अपनी बात रखेंगे।
लोकसभा में ललन सिंह ने बिल पर विपक्ष के हमलों का जवाब देते हुए कहा था कि विपक्ष गुरुद्वारा और मंदिर का उदाहरण दे रहा है लेकिन वक्फ धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक संस्था है। ललन ने कहा था कि सरकार धर्म में नहीं दखल दे रही लेकिन अगर संस्था में भ्रष्टाचार है तो क्यों दखल नहीं दे सकती। जेडीयू कोटे से केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की तरफ से वक्फ बिल के बचाव को लेकर कुछ मुस्लिम संगठनों के नेताओं ने पटना में पार्टी के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। मुस्लिम नेताओं ने नीतीश के सामने जेडीयू के स्टैंड पर नाराजगी जाहिर की थी और बिल पर अपनी आपत्तियां गिनाई थी। नीतीश ने मुसलमानों को भरोसा दिलाया था कि कुछ गलत नहीं होने दिया जाएगा।
नीतीश के निर्देश पर सोमवार को पटना जेडीयू कार्यालय में ललन सिंह की शिया और सुन्नी बोर्ड के नेताओं के साथ मीटिंग हुई। बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने बताया कि दोनों बोर्ड केअध्यक्षों ने कानून में प्रस्तावित संशोधन को लेकर अपना पक्ष विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि नीतीश अल्पसंख्यकों के विकास और हित को लेकर हमेशा कार्य करते रहे हैं। अल्पसंख्यकों के हितों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। बैठक में मंत्री विजय चौधरी, जमा खान, महासचिव मनीष वर्मा, शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के सैयद अफजल अब्बास और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोहम्मद ईर्शादुल्लाह मौजूद थे।