वाशिंगटन। यूक्रेन युद्ध के बीच रूस और भारत के संबंधों ने खूब सुर्खियां बटोरी हैं। अमेरिकी प्रशासन के कई अधिकारियों ने दोनों देशों की दोस्ती पर बयान दिए हैं। इस बीच पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी रोडम क्लिंटन ने गुरुवार को उम्मीद जताई कि यूक्रेन संकट पर भारत की भी वही प्रतिक्रिया होगी, जो दुनिया के बाकी देशों की है। उन्होंने कहा कि रूस यूक्रेन में जो कर रहा है वह गलत है।
कॉन्क्लेव में बोलते हुए हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि अगर चीन अपनी विशाल सेना को भारत भेजता है तो भारत भी चाहेगा कि दुनिया इसी तरह नाराज हो और साथ दे। उन्होंने कहा, “भारत को बहुत उच्च सम्मान में रखा जाता है। इसकी स्थिति मायने रखती है। रूस की आक्रामकता और चीनी आक्रामकता को रोकने के प्रयास हर किसी के हित में हैं।”
क्लिंटन ने कहा कि यूरोप को रूसी ऊर्जा से दूर करने के अमेरिकी प्रयासों में कुछ प्रगति हुई है, हालांकि शायद उतनी नहीं जितनी वह देखना पसंद करेंगी। उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे भारत ने ईरान से तेल आयात में कटौती की थी, जब उन्होंने तत्कालीन विदेश मंत्री के रूप में भारतीय नेतृत्व के सामने कहा था कि अगर ईरान के परमाणु हथियार प्राप्त करता है तो यह एक भयानक स्थिति होगी। आपको बता दें कि भारत यूक्रेन युद्ध का पक्षधर नहीं रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कई मौकों पर बातचीत से मामले को सुलझाने की अपील दोनों देशों से की है।
क्लिंटन ने कहा, “रूस से भारत का तेल आयात बहुत कम है। किसी अन्य संप्रभु राष्ट्र की तरह भारत के पास अपने हित में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने के अधिकार को रेखांकित करना महत्वपूर्ण है। लेकिन, मैं निश्चित रूप से भारत के लिए इस वैश्विक प्रतिक्रिया का हिस्सा बनने का तर्क दूंगी। जब मैंने यूएनएससी को ईरान पर प्रतिबंध लगाने के लिए काम किया तो मैंने भारत की यात्रा की और यह बताया कि कैसे ईरान को परमाणु हथियार मिलना कितना खतरनाक होगा। भारत हमारे मुकाबले कहीं ज्यादा करीब था। भारत बहुत मददगार हुआ। मुझे लगता है कि हम भारत से यही उम्मीद कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मैं समझती हूं कि आपको कठिन चुनाव करना है। मेरा तर्क यह है कि अब आप क्वाड का हिस्सा हैं। मैंने अतीत में कहा है कि आपको पूर्व की ओर देखना चाहिए और पश्चिम की ओर भी देखना चाहिए। भारत महत्वपूर्ण राष्ट्र है। रूस को रोकने की कोशिश करना सभी के हित में है और मैं यही तर्क दूंगी।”