वाशिंगटन
भारत के पोलियो उन्मूलन प्रयासों और खसरा निगरानी पहलों में उल्लेखनीय योगदान दे चुके अमेरिका के एक चिकित्सक ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ बलात्कार और हत्या की घटना तथा अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकामी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार की आलोचना की है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन में पोलियो दल के उपनिदेशक डॉ. आनंद शंकर बंदोपाध्याय ने सिएटल से बातचीत में महिला चिकित्सक के साथ हुई हिंसा पर शर्म और दुख जताते हुए जवाबदेही की कमी की ओर इशारा किया। कोलकाता में पले-बढ़े और उसके एक प्रमुख कॉलेज से चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने वाले बंदोपाध्याय ने कहा, ‘‘मैं क्रोधित, शर्मिंदा और दुखी हूं।
आरजी कर अस्पताल में जो कुछ हुआ, उससे सदमे और दहशत में मुझे कई रातों को नींद नहीं आयी। मैं कोलकाता और एक महिला चिकित्सक के साथ इस जघन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के साथ हूं।'' कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (सीएनएमसी) के स्वर्ण पदक विजेता बंदोपाध्याय ने वहां अपने काम करने का दौर याद करते हुए कहा कि वह और उनकी महिला सहकर्मी कई घंटे तथा रातें अस्पताल में काम करते हुए बिताते थे तथा उन्हें कभी असुरक्षित महसूस नहीं हुआ। उन्होंने अग्रिम मोर्चे के स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित न कर पाने के लिए प्रशासन की निंदा की। पश्चिम बंगाल में पिछले 17 दिन से जूनियर चिकित्सकों की हड़ताल के संबंध में बंदोपाध्याय ने उनके प्रति एकजुटता व्यक्त की और जल्द ही कोई हल निकलने की उम्मीद जतायी।
उन्होंने कहा, ‘‘मरीजों की पीड़ा को चिकित्सक, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता। मैं अपने कार्यस्थल पर सुरक्षा और सम्मान की मांग करने वालों के साथ एकजुटता से खड़ा हूं। मैं लोगों की पीड़ा से दुखी हूं और उम्मीद करता हूं कि स्थिति में जल्द सुधार होगा।'' बंदोपाध्याय ने मीडिया से भी खबरों को सनसनीखेज बनाने से बचकर और पीड़िता तथा उनके परिजनों की निजता का सम्मान कर एक ‘‘सार्थक भूमिका'' निभाने का अनुरोध किया। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नौ अगस्त को स्नातकोत्तर प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव सम्मेलन कक्ष में मिला था। उसके साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई थी। घटना के अगले दिन एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है।