इंदौर
ऐसा कहा जाता है कि यदि मध्य प्रदेश में सरकारी जमीनों से माफिया का कब्जा हट जाए तो स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर और सरकार के अन्य विभागों के लिए जमीन की कोई कमी नहीं रहेगी. माफियाओं से जमीन छुड़वाने के लिए मध्य प्रदेश में समय-समय पर मुहिम भी चलती आई है. इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह पूर्व में देवास, उज्जैन और भोपाल कलेक्टर भी रह चुके हैं. वे अभी तक माफियाओं के कब्जे से कम से कम 3000 करोड़ की जमीनों को मुक्त करवा चुके हैं. इंदौर में उनका अभी अभियान जारी है.
उन्होंने कुछ ही दिन पहले इंदौर के तेजपुर गड़बड़ी में 4.9 हेक्टेयर जमीन को माफिया के कब्जे से मुक्त कराई थी जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये आंकी जा रही है. इसके बाद उन्होंने शनिवार को वक्फ जमीन पर कब्जे को हटाकर जिला प्रशासन का बोर्ड लगवा दिया है. इस जमीन की कीमत 200 करोड़ रुपये बताई जा रही है. इसके अलावा देवास और भोपाल में भी माफियाओं के कब्जे से जमीन को छुड़वाकर सरकार के कब्जे में ला चुके हैं.
उज्जैन में 1030 करोड़ की जमीन को कराया मुक्त
धार्मिक नगरी उज्जैन में आशीष सिंह कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं. उन्होंने 1030 करोड़ 36 लाख 90,000 कीमत की 341 हेक्टेयर भूमि से अपने कार्यकाल में कब्जा हटवाया था. उज्जैन कलेक्टर रहते हुए उन्होंने धतरावदा, निमानवासा, लालपुर, लालपुर, पांड्याखेड़ी, उज्जैन नगर, जयवंतपुर, नानाखेड़ा, गोयला खुर्द, घटिया, तराना, महिदपुर, बड़नगर में भूमाफिया के कब्जे से 341 हेक्टर भूमि को मुक्त करवाया.
कब्जा मुक्त जमीन पर विकास कार्य
उज्जैन में मेडिकल कॉलेज महाकालेश्वर मंदिर का यूनिटी मॉल, पार्किंग आदि कार्यों के लिए सरकारी जमीन की आवश्यकता थी. उस समय उज्जैन कलेक्टर के रूप में सेवाएं दे रहे आशीष सिंह ने जब दस्तावेजों को खंगाला तो सभी जगह सरकारी जमीन निकलती चली गई. कई भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन को कई वर्षों तक अपने कब्जे में ले रखा था. जैसे ही उज्जैन में सरकारी जमीनों से कब्जे हटाए गए, वहां पर महाकालेश्वर मंदिर का यूनिटी मॉल, पार्किंग, मेडिकल कॉलेज सहित कई सरकारी दफ्तर के लिए जगह की कमी खत्म हो गई. वर्तमान समय में यूनिटी मॉल और पार्किंग का काम शुरू भी हो गया है.