रायपुर/ जब से मुंगेली जिला बना है तब से यहाँ बड़े पैमाने पर अवैध प्लाटिंग का गोरखधंधा चल रहा हैं, जमीन दलालों द्वारा बेखौफ होकर अवैध प्लाटिंग का कारोबार किया जा रहा है। अवैध प्लाटिंग और जमीन दलालों के मामले में मुंगेली शुरू से ही सुर्खियों में रहा हैं। मुंगेली जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी अवैध प्लाटिंग रोकने में कोई विशेष पहल नहीं कर रहे हैं, ऐसे में ऐसा लगता है मानो मुंगेली अवैध प्लाटिंग मामले में सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा, क्योंकि जिस हिसाब से यहाँ अवैध प्लाटिंग और कॉलोनियों का कारोबार फलफूल रहा हैं उसे देख यही लगता हैं कि कहीं न कहीं उन्हें जिला प्रशासन के अधिकारियों और नेताओं का सरंक्षण प्राप्त है। मुंगेली अवैध कालोनाईजरों के शुरू से शिकंजे में है, कार्यवाही के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी जाती हैं। मुंगेली में भू-माफियाओं, जमीन दलालों द्वारा कानून, शासन-प्रशासन के नियमों-कायदों को नजर अंदाज करते हुये अवैध रूप से प्लाटिंग कर तथा अवैध कालोनी विकसित करते हुए आम जनता जो बेवकूफ बनाया जा रहा हैं, और जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित कर दिया जाता हैं, अवैध प्लाटिंग में बसे लोगों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करना कॉलोनाइजरों की जिम्मेदारी होती हैं, चाहे वह सड़क हो, नाली हो, बिजली व्यवस्था हो, गार्डन हो, जल प्रदाय हो, साथ ही बहुत सारे मापदंड इन कॉलोनाइजरों के लिए बनाए गए हैं, परंतु भूमाफिया जमीन बेच मोटी रकम कमा लेते हैं और बाद में वहां रहवासियों को मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता हैं, वंचित होना पड़ता हैं, जिसके कारण विभिन्न चुनावों से समय इन्ही निवासियों द्वारा मतदान का बहिष्कार किया जाता हैं फिर यहीं से वोट बैंक की राजनीति शुरू होती हैं, फिर नेताओं द्वारा शहरीय क्षेत्र अवैध प्लाटिंग या अवैध कालोनी में सड़क, नाली, पानी, पाईप लाईन सहित कई सुविधाएं प्रदान करने का वादा करती हैं और शासन को नुकसान पहुँचाते हुए वे अधिकांश कार्य नियम विरुद्ध करते हैं जिससे प्रदेश की सरकार को भारी क्षति होती हैं। मुंगेली शहर व ग्रामीण में गिने चुने ही है जो कालोनाईजर का लाईसेंस बनवा पाये है और वे भी टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है, और यदि टाउन एण्ड कन्ट्री प्लानिंग से भी अनुमति मिल गई है तो उनके द्वारा छत्तीसगढ़ नगर पालिका (कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो) तथा छत्तीसगढ़ ग्राम पंचायत, कालोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण, निर्बधन तथा शर्तो नियमों की धज्जियां उड़ा रहे है और इस पर नगर पालिका, अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय के अधिकारी व जिला प्रशासन के अधिकारी चुप्पी साधे हुये है, जो समझ से परे हैं ?
आपको बता दे कि कुछ महीनों पहले तत्कालीन SDM नवीन भगत ने SNG कॉलेज के बगल और नवागढ़ रोड में हो रहे अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही करते हुऐ जेसीबी से मुरुमी रोड को हटा दिया था, जिससे जमीन दलालों में हड़कंप मच गया था, SDM नवीन भगत के कलेक्टर कार्यालय में पदस्थापना के बाद से ही इन जमीन दलालों के फिर हौसले बुलंद हो गए हैं, क्योंकि तत्कालीन SDM नवीन भगत द्वारा अवैध प्लाटिंग से हटाए गए मुरुमी रोड को जमीन दलालों द्वारा पुनः बनाया जा रहा हैं, साथ ही SNG कॉलेज की जमीन को भी मार्ग के रूप में उपयोग किया जा रहा हैं, ऐसा लग रहा हैं मानो जमीन दलालों द्वारा जमीन खरीददारों को पहुंच मार्ग के लिए भ्रमित किया जा रहा हैं, जिस पर कार्यवाही होने की जरूरत हैं। जमीन खरीददारों और नेताओं ने बताया कि SNG कॉलेज पास किये जा रहे अवैध प्लाटिंग में कॉलेज के ग्राउंड को पहुंच मार्ग बताया जा रहा जो कि गलत हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसएनजी कॉलेज के बगल में किये जा रहे अवैध प्लाटिंग के पहले ही कॉलेज की सीमा फेंसिंग तार से घिरी हुई हैं, परंतु जमीन दलालों द्वारा अवैध प्लाटिंग के जगह के पास उस फेंसिंग को हटाकर मुरुमी रोड आगे बढ़ा दिया गया हैं। अब देखना हैं कि जिला प्रशासन के अधिकारी इस अवैध प्लाटिंग पर क्या कार्यवाही करते हैं ?