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रूस में leather बिजनेस के जबरदस्त मौके, निवेश और एक्सपोर्ट पर फोकस- 26 अगस्त को रवाना होगा प्रतिनिधिमंडल

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नई दिल्ली
 चमड़ा क्षेत्र के 20 से अधिक अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल इस महीने रूस की यात्रा करेगा। इसका मकसद निवेश तलाशना और बढ़ते निर्यात अवसरों का लाभ उठाना है। यह तीन दिवसीय यात्रा 26 अगस्त से शुरू होगी।

चमड़ा निर्यात परिषद के कार्यकारी निदेशक आर. सेल्वम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि वर्तमान में भारत छह करोड़ से आठ करोड़ अमेरिका डॉलर की चमड़े की वस्तुओं का निर्यात करता है, लेकिन यह अब भी कम है क्योंकि रूस में अपार अवसर हैं।

सेल्वम ने कहा, ‘‘हम मॉस्को में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय मेले ‘यूरो शूज प्रीमियर कलेक्शन’ में भी हिस्सा लेंगे। हम निवेश आकर्षित करने, उत्पाद निर्माण में प्रौद्योगिकी सहयोग के उद्देश्य से एक प्रतिनिधिमंडल ले जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि चमड़े के वस्त्र, सामान और जूते जैसे क्षेत्रों में निर्यात के बड़े अवसर हैं।

हालांकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों से रूस में भुगतान संबंधी समस्याएं हैं, लेकिन रुपये में कारोबार करने वाले निर्यातक माल भेज सकते हैं।

चमड़ा, चमड़े के उत्पादों तथा जूते का निर्यात 2022-23 में 4.484 करोड़ डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 6.248 करोड़ डॉलर हो गया। हालांकि, चालू वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल-जून के दौरान निर्यात घटकर 1.421 करोड़ डॉलर रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 1.634 करोड़ डॉलर था।

उन्होंने कहा, ‘‘इस गिरावट का मुख्य कारण भुगतान की समस्या है, जो बैंकों द्वारा बीआरसी (बैंक प्राप्ति प्रमाणपत्र) जारी न करने के कारण है।’’

सेल्वम ने कहा कि अमेरिकी ओएफएसी (विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय) द्वारा रूस के एसईबीआर बैंक पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। प्रतिबंधों के कारण कई भारतीय बैंक रूस से भुगतान के लिए बीआरसी जारी नहीं कर रहे हैं।

भारत और रूस द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय मुद्राओं में व्यापार करने और रूस द्वारा गैर-शुल्क बाधाओं को कम करने पर चर्चा कर रहे हैं। भारत और रूस ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।

भारत इलेक्ट्रॉनिक जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके अलावा झींगा और औषधि जैसे क्षेत्रों में गैर-व्यापार बाधाओं के मुद्दों को उठा रहा है, ताकि प्रतिबंधों से प्रभावित रूस को निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके और इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ा जा सके।

वर्तमान में, द्विपक्षीय व्यापार लगभग 67 अरब अमरीकी डॉलर है।

वित्त वर्ष 2023-24 में रूस को भारत का निर्यात 4.3 अरब डॉलर था, जबकि आयात 61.4 अरब डॉलर था। व्यापार घाटा 57.1 अरब डॉलर था। आयात में कच्चे तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की हिस्सेदारी 88 प्रतिशत थी।

 

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