रांची.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में झारखंड सरकार तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है। पुलिसकर्मी की मां से मुलाकात करने के बाद सरमा बोले कि झारखंड सरकार का कोई भी नेता आदिवासी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए नहीं पहुंचा है। साथ ही फरार कैदी को भी अब तक नहीं पकड़ा जा सका है।
उम्रकैद की सजा काट रहे कैदी शाहिद अंसारी ने हजारीबाग जिले के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी चौहान हेम्ब्रम की रॉड मारकर और गला घोंटकर हत्या कर दी थी। कैदी अस्पताल से फरार हो गया था। मामले में शनिवार को झारखंड में भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा पुलिस कर्मी चौहान हेम्ब्रम के परिजनों से मिलने गिरिडीह जिले के बेंगाबाद पहुंचे। उन्होंने कहा कि घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद मैनें झारखंड भाजपा प्रमुख बाबूलाल मरांडी के साथ परिवार से मिलने का फैसला किया। यहां मुझे बताया गया कि पुलिस हेम्ब्रम के परिवार के सदस्यों को सुबह-सुबह अपने साथ ले गई है। उनके ससुराल वालों को भी पुलिस ले गई। सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति की सभी सीमाएं पार कर दी हैं। सरमा बोले कि उन्हें बताया गया है कि पुलिस कुछ कागजी कार्रवाई के लिए हेम्ब्रम के परिवार के सदस्यों को हज़ारीबाग ले गई। अगर यह पीड़ित के फायदे के लिए किया जाता है तो यह अच्छा है।
असम के सीएम ने कहा कि जब वे गांव पहुंचे तो हेम्ब्रम की मां उनसे मिलने आईं। मैनें परिवार को आश्वासन दिया कि भाजपा उनकी हर तरह से मदद करने की कोशिश करेगी। सरमा ने हेमंत सोरेन से आरोपी की गिरफ्तारी करने की मांग की। साथ ही हेम्ब्रम के परिजन को नौकरी देने के लिए कहा। वहीं हेम्ब्रम की पत्नी जोमोती देवी, पुत्र महेश हेम्ब्रम और बेटी स्वाति हेम्ब्रम ने शनिवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने उन्हें अनुकंपा के आधार पर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया। इसके अलावा राज्य सरकार ने 1.29 करोड़ रुपये का अनुदान भी देने की घोषणा की।