नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और कुछ अन्य पार्टी पदाधिकारियों को योगी सरकार 2.0 में जगह मिलने के साथ राज्य में संगठन के पुनर्गठन की उम्मीद की जा रही है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह और एके शर्मा, महासचिव जेपीएस राठौड़ और राज्य ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप भी मंत्री बने हैं। वहीं, यूपी बीजेपी के महासचिव (संगठन) सुनील बंसल ने अपनी वर्तमान भूमिका से मुक्त होने की इच्छा व्यक्त की है। रिपोर्ट में बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।
टिकट देने से लेकर मंत्री बनाने तक में बंसल की भूमिका
उन्होंने बताया कि बंसल को राष्ट्रीय नेतृत्व का करीबी माना जाता है और उन्हें दो-तीन प्रमुख राज्यों की जिम्मेदारी के साथ संयुक्त महासचिव के स्तर पर दिल्ली लाने पर विचार हो रहा है। आपको बता दें कि सुनील बंसल 2017 में महासचिव बने थे। उन्होंने लगातार दो विधानसभा चुनावों में भाजपा की सफलता में अहम भूमिका निभाई। सूत्रों ने कहा कि जमीन पर उनकी नजर थी और उम्मीदवार के चयन से लेकर मंत्री पद तक में उनकी राय पार्टी के लिए मायने रखती थी। इस बीच, पार्टी के भीतर विभिन्न स्तरों पर यूपी के लिए नए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति पर चर्चा हो रही है। भाजपा एक ब्राह्मण नेता पर दांव लगाने की योजना बना रही है। कुछ नामों पर विचार किया जा रहा है। मथुरा से विधायक श्रीकांत शर्मा, बस्ती के सांसद हरीश द्विवेदी और कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक जैसे नामों की चर्चा हो रही है। भोगांव के विधायक राम नरेश अग्निहोत्री भी दौड़ में हैं, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने उनकी उम्र को लेकर आपत्ति जताई है।
युवाओं को भी मिलेगा संगठन में मौका
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी उन नेताओं की पहचान कर रही है जो जमीन पर काम कर सकते हैं और 2024 के आम चुनाव से पहले पार्टी के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहली बार जीतने वाले कुछ युवा विधायकों को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।