तीन अलग-अलग औषधियों से मिलकर बना त्रिफला कब्ज का बेहतरीन इलाज है। यह सालों पुरानी कब्ज भी जड़ से खत्म कर देता है। जिन लोगों को हमेशा ही कब्ज की परेशानी रहती है, वे त्रिफला चूर्ण का सेवन करके अपना पेट साफ रखते हैं। कुछ लोगों को इसकी इतना ज्यादा आदत हो जाती है कि एक दिन पेट साफ न हो, तो त्रिफला ले लेते हैं।
जो लोग आधी अधूरी जानकारी के साथ इस आयुर्वेदिक औषधि का उपयोग करते हैं, उन्हें अक्सर इसके नुकसान झेलने पड़ते हैं। अगर आप भी कब्ज की समस्या से परेशान हैं, तो इसे ज्यादा मात्रा में लेने से बचना चाहिए। आइए यहां जानते हैं ज्यादा मात्रा में त्रिफला लेने के नुकसानों के बारे में। साथ ही जानेंगे इसे लेने का सही तरीका भी।
गैस की समस्या
त्रिफला का ज्यादा उपयोग कुछ लोगों में सूजन और गैस जैसी परेशानियां बढ़ा सकता है। दरअसल, इस जड़ी बूटी में रेचक गुण होते हैं। इसे ज्यादा मात्रा में खाने से सूजन, गैस, दस्त या पेट में परेशानी हो सकती है।
एलर्जी हो सकती है
भले ही त्रिफला औषधीय गुणों से भरपूर हो, लेकिन इसका अंधाधुंध इस्तेमाल आपको एलर्जी दे सकता है। इसे ज्यादा और बार-बार खाने से त्वचा पर दाने और खुजली के साथ सांस लेने में भी दिक्कत हो सकती है।
ब्लड शुगर में उतार-चढ़ाव
वैसे तो त्रिफला ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का काम करता है, लेकिन कब्ज से छुटकारा पाने के लिए आप आए दिन इसे लेते हैं, तो यह उल्टा असर कर सकता है। त्रिफला के ज्यादा सेवन से ब्लड शुगर लेवल गड़बड़ा जाता है। ऐसे में जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें त्रिफला का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए।
सिरदर्द बढ़ाए
कई लोग त्रिफला को सुरक्षित मानकर इसका सेवन लगातार करते हैं। इसकी ज्यादा मात्रा आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है। जो लोग सालों से त्रिफला का सेवन कर रहे हैं, उनकी यह आदत सिरदर्द में कब बदल जाएगी, पता नहीं चलेगा।
तो क्या है त्रिफला लेने का सही तरीका
विशेषज्ञ हमेशा मील्स के बीच के घंटों में खाली पेट त्रिफला पाउडर खाने की सलाह देते हैं।
बिस्तर पर सोने जाने से पहले आधे या एक चम्मच त्रिफला पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर ले सकते हैं।
त्रिफला के 1 से 2 कैप्सूल रोजाना पानी के साथ लेना पर्याप्त है।