नई दिल्ली। कोरोना वायरस संकट फिलहाल टला नहीं है। भारत में चौथी लहर की आशंका के बीच यूएन चीफ एंतोनियो गुतारेस ने विश्व को आगाह किया है। उन्होंने कहा है कि कोरोना के हर रोज 15 लाख केस आ रहे हैं। एशिया में बड़े पैमाने पर मरीज मिल रहे हैं, जबकि पूरे यूरोप में एक नई लहर फैल रही है।
गावी कोवैक्स एडवांस मार्केट कमिटमेंट समिट-2022 में दिए एक वीडियो मैसेज ‘वन वर्ल्ड प्रोटेक्टेड-ब्रेक कोविड नाउ’ में यूएन महासचिव ने कहा, “यह बैठक इस बात की याद दिलाने के लिए अहम है कि कोविड-19 महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। रोजाना औसतन 15 लाख नए मामले सामने आ रहे हैं। एशिया में बड़े पैमाने पर मरीज मिल रहे हैं। पूरे यूरोप में एक नयी लहर फैल रही है।”
उनके अनुसार, कुछ मुल्कों में महामारी की शुरुआत के बाद से मृत्यु दर सबसे अधिक दर्ज की जा रही है। बकौल गुतारेस, “कोरोना के ओमीक्रोन वेरिएंट ने सबको हैरत में डाल दिया था और यह इस बात की याद दिलाता है कि अधिक टीकाकरण दर के अभाव में वायरस कितनी जल्दी उत्परिवर्तित होकर फैल सकता है।”
यूएन महासचिव ने अफसोस जताया कि कुछ अधिक आय वाले देश अपने नागरिकों को दूसरी बूस्टर खुराक देने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि एक-तिहाई वैश्विक आबादी का टीकाकरण शुरू भी नहीं हुआ है। उन्होंने आगे कहा, “यह हमारी असमान दुनिया का एक क्रूर सच है। यह नए स्वरूपों के अस्तित्व में आने, अधिक मौतें… होने और मानव समाज के लिए आर्थिक दुश्वारियां बढ़ने की प्रमुख वजह भी बन रहा है।”
गुतारेस बोले- अगले वेरिएंट की दस्तक को लेकर ‘अगर’ नहीं, बल्कि ‘कब’ का सवाल उठना चाहिए। उन्होंने कहा, “हम इस साल के मध्य तक हर देश की 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण के लक्ष्य से बहुत दूर हैं। औसतन हर चार महीने पर नए स्वरूप का सामने आना इस बात की चेतावनी देता है कि समयसीमा का पालन कितना अहम है।”
गुतारेस की ये टिप्पणियां ऐसे वक्त पर आई हैं, जब औसतन हर चार महीने पर सार्स-कोव-2 वायरस का एक नया स्वरूप सामने आया है। उन्होंने सरकारों और दवा कंपनियों से हर जगह, हर व्यक्ति तक टीका पहुंचाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की।
डब्ल्यूएचओ की साप्ताहिक संक्रमण रिपोर्ट (इस हफ्ते जारी) में उसके छह क्षेत्रों में 90 लाख से अधिक नए मामले सामने आने और 26,000 से अधिक मौतें होने की जानकारी दी गई। सभी क्षेत्रों से नए साप्ताहिक मामलों और मौतों की संख्या में घटते रुझान के संकेत मिले। वैश्विक स्तर पर तीन अप्रैल तक 48.9 करोड़ से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं और 60 लाख से अधिक मौतें हुई हैं।