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देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में फेरबदल, यूजीसी नेट का नया नियम लागू

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इंदौर
मध्य प्रदेश के इंदौर की देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी ने पीएचडी परीक्षा में फेरबदल किया है, जिसके बाद विद्यार्थियों में जानने की उत्सुकता बढ़ गई है. बताया जा रहा है कि इस बदलाव से प्रवेश परीक्षा को लेकर आसानी होगी. दरअसल, डीएवीवी की हर साल होने वाली पीएचडी प्रवेश परीक्षा इस बार कुछ चुनिंदा विषयों के लिए ही होगी. जिन विषयों में यूजीसी नेट नहीं होता है, उनमें पीएचडी प्रवेश परीक्षा कराई जाएगी. बाकी सभी विषयों में पीएचडी के लिए नेट क्वालीफाई शोधार्थी को मौका मिलेगा.

यूजीसी ने बीते मार्च में पीएचडी एडमिशन को लेकर बड़ा बदलाव किया है. उसे यूनिवर्सिटी इसी साल से लागू करने जा रही है. इस पर अंतिम निर्णय पीएचडी कमेटी की बैठक में लिया जाएगा. इस साल नवंबर तक पीएचडी प्रवेश परीक्षा होगी, लेकिन उसमें चुनिंदा विषय ही रहेंगे. इसमें इंजीनियरिंग के विषय, सांख्यिकी, एनर्जी सहित 16 स्पेशलाइजेशन विषय शामिल होंगे, जबकि बाकी के 26 से 27 विषयों के लिए यूजीसी की नई व्यवस्था के तहत एडमिशन होंगे. इसमें हिंदी, अंग्रेजी, हिस्ट्री, लॉ, केमेस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, इकोनॉमिक्स, कॉमर्स, मैनेजमेंट सहित अन्य विषय शामिल हैं.

Ph.D. एडमिशन की गाइडलाइन
यूजीसी ने नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) के जरिए एडमिशन के लिए गाइडलाइन जारी की है. अब नेट कैटेगरी 2 और 3 में क्वालीफाई करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी में प्रवेश के लिए टेस्ट स्कोर के लिए 70 प्रतिशत वेटेज और साक्षात्कार के लिए 30 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. कैटेगरी 2 और 3 में प्राप्त नेट स्कोर एक वर्ष की अवधि के लिए मान्य होती है. यूजीसी ने इसे तीन कैटेगरी में प्रस्तावित किया है.

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