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अब मप्र बोर्ड परीक्षा केंद्र के निर्धारण से पहले जिला प्रशासन के साथ-साथ सांसद व विधायकों की राय भी ली जाएगी

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भोपाल
मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षा 25 फरवरी से शुरू होगी। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिम) ने समय-सारिणी और केंद्र निर्धारण को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें निर्देशित किया गया है कि इस बार परीक्षा केंद्र के निर्धारण से पहले जिला प्रशासन के साथ-साथ सांसद व विधायकों की राय भी ली जाएगी। साथ ही 250 कम क्षमता वाले स्कूल को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। इसके अलावा लगातार तीन साल बने परीक्षा केंद्र के दौरान सामूहिक नकल के प्रकरण सामने आए, तो उस स्कूलों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा। साथ ही परीक्षा केंद्र बनाने के लिए तय सीमा भी तय कर दी गई है। निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में विद्यार्थी अध्ययनरत हैं, उनके नजदीकी स्कूलों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा।
 
शहरी क्षेत्रों में पांच किमी से ज्यादा व ग्रामीण क्षेत्रों में 10 किमी से ज्यादा दूरी नहीं होना चाहिए। विषम परिस्थितियों में ज्यादा दूरी के परीक्षा केंद्र बनाने पर कारण भी बताना होगा। जिले को 30 सितंबर तक परीक्षा केंद्र की सूची माशिम को भेजनी है। बता दें, कि मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं की परीक्षा में करीब 18 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे।इसके लिए करीब पौने चार हजार परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे।

30 नवंबर तक अंतिम सूची जारी करेगा
माशिमं 30 नवंबर तक परीक्षा केंद्रों की अंतिम सूची जारी करेगा। माशिमं के परीक्षा केंद्रों के जिला स्तर पर निर्धारण के बाद जिला योजना समिति से अनुमोदन करवाया जाएगा। इसके लिए 30 अगस्त तक की तारीख तय की गई है।माशिमं की जारी समय-सीमा के अनुसार 10 अगस्त तक परीक्षा केंद्रों का भौतिक सत्यापन करना होगा। परीक्षा केंद्रों का समिति द्वारा चयन 20 अगस्त तक करना है। चयन परीक्षा केंद्रों का प्रकाशन कर दावे-आपत्ति प्राप्त करने की समय-सीमा 30 अगस्त तक रहेगी। दावे एवं आपत्ति का निराकरण जिला योजना समिति से अनुमोदन प्राप्त करने की तिथि 24 सितंबर तक रहेगी। मंडल को अनुमोदित केंद्र चार्ट की सूची 30 सितंबर तक रहेगा।

केंद्र नहीं होने पर फोटोकापी मशीन लौटानी होगी
अगर किसी स्कूल के खिलाफ अनिमिततता के मामले सामने आए है, तो ऐसे स्कूल को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा। पिछले साल के बने केंद्रों को वर्ष 2025 की परीक्षा में प्रस्तावित नहीं किया जाता है, तो उसका भी कारण बताना होगा। स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए सरकारी स्कूल को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा। अगर किसी केंद्र को इस साल परीक्षा केंद्र नही बनाया जाता है, तो उन्हें फोटोकापी मशीन व कंप्यूटर नवीन परीक्षा केंद्रों को देना होगी। इसकी जिम्मेदारी डीईओ को दिया गया है।

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