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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फिजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से नवाजा गया

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सुवा/नई दिल्ली
 राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दक्षिण प्रशांत महासागरीय द्वीप देश फिजी के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से नवाजा गया है। सुश्री मुर्मु फिजी की सरकारी यात्रा पर यहां पहुंची है। वह यहां की यात्रा करने वाली भारत की पहली राष्ट्रपति हैं।
राजधानी सुवा के स्टेट हाउस में सोमवार को आयोजित समारोह में फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियम मैवलिली काटोनिवेरे ने सुश्री यह पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह सम्मान भारत और फिजी के बीच गहरी मित्रता का प्रतीक है। उन्होंने फिजी की संसद को भी संबोधित किया और सांसदों से बातचीत की।

सुश्री मुर्मु ने अपने संबोधन में इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि लोकतंत्र, बहुलवाद और विविधता के साझा मूल्य किस तरह दोनों देशों को एक-दूसरे के करीब लाते हैं। उन्होंने कहा, “ भौगोलिक आकार में भारी अंतर के बावजूद भारत और फिजी दोनों में बहुत कुछ समान है, जिसमें हमारे जीवंत लोकतंत्र, हमारे समाजों की विविधता, हमारा पंथ कि सभी मनुष्य समान हैं, और प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता।”

इससे पहले सुवा पहुंचने पर सुश्री मुर्मु का हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने स्वागत किया। बाद में प्रधानमंत्री की मौजूदगी में सुश्री मुर्मु के सम्मान में पारंपरिक स्वागत समारोह आयोजित किया गया।

राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू ने फिजी की संसद को किया संबोधित, बाेलीं-भारत और फिजी में जीवंत लोकतंत्र सहित काफी कुछ एक समान है

 फिजी की दो दिवसीय यात्रा पर गईं राष्ट्रपति द्राैपदी मुर्मू ने मंगलवार काे वहां की संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभर रहा है। भारत एक मजबूत, लचीला और अधिक समृद्ध राष्ट्र बनने के साथ-साथ प्राथमिकताओं के अनुसार फिजी के साथ साझेदारी करने के लिए तैयार है। उन्हाेंने इस माैके पर दोनों देशों के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए अपनी साझेदारी की पूरी क्षमता का उपयोग करने के लिए एक साथ आने काे कहा।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि आकार में बहुत अंतर होने के बावजूद भारत और फिजी में जीवंत लोकतंत्र सहित काफी कुछ एक समान है। उन्होंने कहा कि 10 वर्ष पहले इसी हॉल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ मूल्यों का जिक्र किया था जो भारत और फिजी को जोड़ते हैं। उन्हाेंने कहा कि हमारा लोकतंत्र, हमारे समाज की विविधता तथा प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, सम्मान और अधिकारों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता काे बताता है। ये साझा मूल्य शाश्वत हैं, आगे भी हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।

राष्ट्रपति मुर्मू ने यह भी कहा कि बाकी दुनिया को फिजी से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। फिजी की सौम्य जीवनशैली, परंपराओं तथा रीति-रिवाजों के प्रति गहरा सम्मान, खुला और बहुसांस्कृतिक वातावरण, फिजी को तेजी से संघर्षों में घिर रही इस दुनिया में इतना खास बनाता है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि फिजी वह जगह है जहां बाकी दुनिया अपनी खुशियां ढूंढने आती है। राष्ट्रपति मुर्मू अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने फिजी में अपने संबाेधन में कहा कि भारत एक सक्षम और संवेदनशील देश के रूप में उभर रहा है। हमने वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण नेतृत्व की भूमिका निभाई है। पिछले वर्ष हमारी जी-20 अध्यक्षता की ऐतिहासिक सफलता ने दर्शाया कि भारत का समावेशी, निर्णायक, महत्वाकांक्षी और कार्योन्मुखी नेतृत्व विश्व के लिए क्या कर सकता है। जैसा कि हमने जी-20 की अध्यक्षता के दौरान किया था। हम ग्लोबल साउथ के हितों को जोर से आवाज देने के लिए हर वैश्विक मंच का उपयोग करना जारी रखेंगे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक निष्पक्ष, न्यायसंगत और सुरक्षित दुनिया बनाने का प्रयास करेंगे।

उन्हाेंने कहा कि भारत सरकार ने प्रवासी भारतीयों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने तथा उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया कार्ड या ओसीआई कार्ड सहित अनेक पहलें शुरू की हैं। प्रवासी परिवारों की युवा पीढ़ी के लिए हमारे पास उन्हें अपनी भारतीय जड़ों से जोड़ने के लिए एक “भारत को जानो कार्यक्रम” है। मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि बड़ी संख्या में फिजी के युवा इस कार्यक्रम से लाभान्वित हुए हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सुवा में स्थापित होने वाले ‘सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल’ सहित नई परियोजनाएं फिजी और व्यापक प्रशांत क्षेत्र के लोगों की प्राथमिकता वाली जरूरतों को पूरा करने में मदद करेंगी। इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू का ‘स्टेट हाउस’ में राष्ट्रपति कटोनिवेरे ने स्वागत किया जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने के तरीकों पर चर्चा की। उन्हाेंने सुवा में महात्मा गांधी मेमोरियल हाई स्कूल में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और वहां उपस्थित छात्रों के साथ बातचीत की। इसके साथ ही उन्हाेंने सुवा में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भी पुष्पांजलि अर्पित की और शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।

 

 

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