नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कहा है कि सहारा समूह की तीन फर्मों – सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड और सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड – को अदालत ने जनता से कोई भी जमा राशि कलेक्ट करने से प्रतिबंधित कर दिया है।
केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, ”दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 मार्च के आदेश के तहत… सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, सहारा यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसायटी लिमिटेड, भोपाल, मध्य प्रदेश और सहारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल को जनता से कोई जमा राशि एकत्र करने से रोक दिया है।”
सहारा समूह ने अक्टूबर, 2020 में कहा था कि उसने पिछले 75 दिनों में अपनी चार संबद्ध सहकारी ऋण समितियों के 10 लाख से अधिक सदस्यों को 3,226 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। सहारा ने तब कहा था कि भुगतान में कुछ देरी हुई है, जो मुख्य रूप से उच्चतम न्यायालय द्वारा पिछले आठ वर्षों से लगाए गए प्रतिबंध के कारण है, जबकि ब्याज राशि सहित उसके लगभग 22,000 करोड़ रुपये सहारा-सेबी खाते में जमा हैं।