Home खेल निकहत ने ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने के...

निकहत ने ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नए जोश के साथ वापसी करने की कसम खाई

22
0

पेरिस
 निकहत जरीन ने पेरिस खेलों के प्री क्वार्टर फाइनल में हार को अपने करियर की सबसे दर्दनाक हार बताया और भारतीय मुक्केबाजी स्टार ने ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करने के लिए नए जोश के साथ वापसी करने की कसम खाई।

खेलों से पहले पदक की प्रबल दावेदार मानी जा रही निकहत को 50 किग्रा महिला मुक्केबाजी में शीर्ष वरीयता प्राप्त एशियाई खेलों की चैंपियन चीन की वू यू के खिलाफ सर्वसम्मत फैसले में हार का सामना करना पड़ा।

निकहत ने ‘इंस्टाग्राम’ पोस्ट में लिखा, ‘‘मैंने इतने लंबे समय से जिस ओलंपिक सपने को संजोया था वह वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने उम्मीद की थी। अनगिनत घंटों की ट्रेनिंग, त्याग और दृढ़ निश्चय के बाद यह पल मेरे हाथ से फिसल गया।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘यह हार मेरे लिए अब तक की सबसे कठिन हार है और लगभग असहनीय है। मेरा दिल भारी है लेकिन यह टूटा नहीं है। मैं इसे विनम्रता से स्वीकार करती हूं और अपने जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता खोजने की पूरी कोशिश करूंगी।’’

निकहत ने पेरिस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले छह भारतीय मुक्केबाजों में सबसे पहले यह उपलब्धि हासिल की थी।

उन्होंने कहा, ‘‘ओलंपिक पदक जीतना मेरा सबसे बड़ा सपना था और मैंने यहां तक पहुंचने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। पेरिस 2024 की यात्रा चुनौतियों से भरी थी – एक साल तक चोट से जूझना, अपना स्थान वापस पाने के लिए संघर्ष करना, प्रतिस्पर्धा करने के अवसर के लिए संघर्ष करना और अनगिनत बाधाओं को पार करना, ये सब इस वैश्विक मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के अवसर के लिए था।’’

इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘मैं अपने सपने को पूरा करने के अवसर के लिए बहुत आभारी हूं लेकिन नियति ने कुछ और ही योजना बनाई थी। यहां पेरिस में इसे हासिल नहीं कर पाना निराशाजनक है। मैं चाहती हूं कि मैं समय को पीछे ले जा सकूं और एक अलग परिणाम के लिए और भी अधिक प्रयास कर सकूं, लेकिन यह मेरी इच्छा ही है।’’

दो बार की विश्व चैंपियन ने और मजबूती से वापसी करने की कसम खाई।

निकहत ने कहा, ‘‘मैं वादा करता हूं कि यह अंत नहीं है। मैं उबरने और तनावमुक्त होने के लिए स्वदेश लौटूंगी। यह सपना अब भी जीवित है और मैं नए जोश के साथ इसका पीछा करना जारी रखूंगी। यह अलविदा नहीं है बल्कि वापस लौटने और भी ज्यादा संघर्ष करने और आप सभी को गौरवांवित करने का वादा है। मेरे साथ खड़े रहने के लिए आपका धन्यवाद। यात्रा जारी है।’’

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here