कीव। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को दिए देश के नाम संबोधन में अमेरिका सहित उसके पश्चिमी सहयोगियों पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों का नया पैकेज “पर्याप्त नहीं” है। जेलेंस्की ने कहा कि अगर उनके देश को और अधिक हथियारों की सप्लाई नहीं की जाती है और रूस के खिलाफ अधिक कड़े उपायों को नहीं अपनाया जाता है को वे इसे एक नया खूनी हमला शुरू करने की इजाजत के रूप में देखेंगे। उन्होंने कहा, “रूस में नए इन्वेस्टमेंट ब्लॉक हैं, रूस में कई प्रणालीगत बैंकों के खिलाफ प्रतिबंध लागू हैं, व्यक्तिगत प्रतिबंध जोड़े गए हैं, साथ ही साथ अन्य प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। यह पैकेज देखने में शानदार है, लेकिन इतना पर्याप्त नहीं है।”
बता दें कि जेलेंस्की का ये बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने रूस पर और प्रतिबंधों की घोषणा की है। अमेरिका ने यूक्रेन में युद्ध अपराधों की जवाबी कार्रवाई के तहत बुधवार को रूसी बैंकों पर जुर्माना बढ़ाये जाने और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो बेटियों को निशाना बनाते हुए पाबंदियां लगाए जाने की घोषणा की।इस कदम के तहत स्बरबैंक और अल्फा बैंक को अमेरिकी वित्तीय प्रणाली से दूर करने के साथ ही अमेरिकी नागरिकों को इन संस्थानों के साथ व्यापार करने से रोका गया है। इसके अलावा, अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में पुतिन की बेटियों मारिया पुतिन व कैटरीना तिखोनोवा और प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्टिन, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की पत्नी और बच्चों के अलावा रूस की सुरक्षा परिषद के सदस्यों और पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव को भी रखा गया है।
अपने रात के राष्ट्रीय संबोधन में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा, “यदि रूस के खिलाफ बेहद कड़े प्रतिबंध नहीं लगाए जाते हैं और अगर उन हथियारों की सप्लाई हमें नहीं की जाती है जिनकी हमें वास्तव में आवश्यकता है और हमने कई बार बोला भी है तो रूस इसे एक अनुमति के रूप में देखेगा। आगे जाने की अनुमति। हमला करने की अनुमति। डोनबास में एक नई खूनी लहर शुरू करने की अनुमति।”
हालांकि, जेलेंस्की ने उम्मीद जताते हुए कहा कि “इसे रोकना अभी भी संभव है”। उन्होंने कहा, “ऐसे प्रतिबंध लगाना अभी भी संभव है, जिन पर यूक्रेन जोर देता है, हमारे लोग जोर देते हैं। हमें अभी भी ऐसे हथियार देना संभव है जो वास्तव में इस आक्रमण को रोक सकें। पश्चिम ऐसा कर सकता है।” उन्होंने ये भी कहा कि अगर ये देश पिछले साल इस आक्रमण को रोकने के लिए कड़े प्रतिबंध लागू करते तो ये दिन नहीं आता। उन्होंने कहा, “अगर दोबारा वही गलती की गई, फिर से जरूरी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह पूरे पश्चिमी दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक गलती होगी।”