मुंगेली/ भ्रष्टाचार के लिए मुंगेली जिले की पहचान प्रदेश में अलग ही हैं, मुंगेली भ्रष्टाचार, अनियमितताओं के लिए प्रसिद्ध हो चुका हैं, कई विभागों के भ्रष्टाचार को लेकर आये दिन शिकायत होते रहते हैं जो समाचारों की भी सुर्खियां बनी रहती हैं।
हाल ही में मुंगेली जिले में डीएमएफ मद से नगर पालिका क्षेत्र के अवैध कालोनी में हुए सड़क निर्माण में भारी भ्रष्टाचार देखने को मिला, मुंगेली जिले के खनिज न्यास फंड (डीएमएफ) के खर्च को लेकर अफसरों की मनमानी का मामला सामने आया है। फंड के पैसों का दुरुपयोग कर मनचाहे जगह पर उपयोग किया गया, जो कि नियम विरुद्ध हैं। पहले भी इस बात का उल्लेख किया जा चुका हैं।
आपको बता दे कि मुंगेली जिले के एक ग्राम पंचायत ने नगर पालिका क्षेत्र के अवैध कालोनी में डीएमएफ मद से करीब 14.98 लाख रुपये का सड़क निर्माण किया हैं, जिसमें जमकर भ्रष्टाचार किया गया और यह सड़क 2-3 माह में ही पूरी तरह जर्जर हो गया। जिससे इस सड़क निर्माण में हुआ भ्रष्टाचार स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा हैं। कालोनीवासियों ने बताया कि नगर पालिका, अवैध कालोनी हैं कहकर सड़क नाली नहीं बना रही थी, बड़ी मुश्किल से जब यह सड़क डीएमएफ मद से बना तो यह भी 2-3 महीने में उखड़कर जर्जर हो गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न यह उठता हैं कि अगर इस सड़क का निर्माण कार्य किया गया तो इसकी सतत निगरानी और गुणवत्ता की जांच क्यों नहीं की गई और निगरानी की गई तो किसके द्वारा की गई ? किसकी जवाबदेही थी ? क्षेत्रवासियों का कहना हैं कि यदि जनता की सुविधा के लिए डीएमएफ मद से सड़क निर्माण किया गया तो सड़क निर्माण गुणवत्तापूर्ण किया जाना चाहिए था। अब राज्य शासन को जो लाखों की राजस्व क्षति हुई हैं उसकी जवाबदारी किसकी हैं ?
कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत के एक महीने बाद भी जांच व कार्यवाही का पता नहीं…लापरवाह, भ्रष्ट और बेलगाम हुए जिम्मेदार अधिकारी
इस सड़क निर्माण भ्रष्टाचार की शिकायत अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा कलेक्टर जनदर्शन दिनांक 02/07/2024 को किया गया था, जनदर्शन में शिकायत होने के बाद दिनांक 10/07/2024 को कलेक्टर कार्यालय से इस डीएमएफ मद से निर्मित सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार मामले में जांच करने कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग मुंगेली को निर्देशित किया गया, जिसमें कहा गया कि नगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अवैध कालोनी में डीएमएफ मद से ग्राम पंचायत करही द्वारा 14.98 लाख की लागत से सीसी रोड निर्माण कार्य कराया गया है। जानकारी के मुताबिक यह सड़क निर्माण करीब 6-7 महिने पूर्व ही कराया गया है, परन्तु वर्तमान में यह सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। उक्त सड़क निर्माण में ग्राम पंचायत करही द्वारा क्या मुंगेली नगर पालिका से सहमति या अनापत्ति प्रगाण पत्र लिया गया? और क्या ग्राम पंचायत करही को नगर पालिका क्षेत्र में सड़क निर्माण का अधिकार है ?”
उक्त शिकायत पर नियमानुसार जांच करते हुए, अभिमत सहित जांच प्रतिवेदन यथाशीघ्र इस कार्यालय को भेजने कहा गया।
कलेक्टर कार्यालय से कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग मुंगेली को जांच हेतु भेजे गए पत्र के करीब 25 दिनों बाद भी कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग द्वारा किये जाने वाले जांच का अतापता नहीं हैं, क्योंकि आवेदक व शिकायतकर्ता को कोई सूचना जांच अधिकारी या विभाग की ओर से आज दिनांक तक नहीं दी गई हैं ऐसे में सवाल यह उठता हैं कि मामले को दबाने का प्रयास तो नहीं किया जा रहा ? क्योंकि भ्रष्टाचारके इस मामले में कई अधिकारी लपेटे में आ सकते हैं।
उपयोगिता (पूर्णता) प्रमाण पत्र में तीन और गुणवत्ता प्रमाण पत्र में दो अधिकारियों के हस्ताक्षर…
नगर पालिका के अवैध कालोनी में डीएमएफ मद से निर्मित सड़क के भुगतान की राशि, लागत 14 लाख 55 हजार 5 सौ अट्ठारह रुपये बताया गया हैं और इसकी तकनीकी स्वीकृति 26/07/2023 को दी गई। गुणवत्ता प्रमाण पत्र में अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग मुंगेली और उप अभियंता जनपद पंचायत मुंगेली के हस्ताक्षर हैं। वहीं उपयोगिता (पूर्णता) प्रमाण पत्र में तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत मुंगेली, अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उप संभाग मुंगेली और उप अभियंता जनपद पंचायत मुंगेली के हस्ताक्षर हैं। अब सवाल यह उठता हैं कि इतने बड़े-बड़े जिम्मेदार अधिकारियों को इस सड़क की गुणवत्ता क्यों नहीं दिखी ? क्या इनके भी हाथ भ्रष्टाचार में रंगे हैं ?
सूचना पटल भी नियम विरुद्ध… छिपाई जानकारी…
मुंगेली जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा दिनांक 22/08/2023 को जारी कार्य आदेश में कार्य का नाम सीमेंट कांक्रीटीकरण सड़क निर्माण कार्य (मुख्य मार्ग डायग्नोसिस सेंटर से आत्मा सिंह के घर तक की ओर, पंचायत का नाम करही, स्वीकृत वर्ष 2023-24, तकनीकी स्वीकृति क्रमांक/दिनांक 1233/26.0./2024 तथा राशि 14.98 लाख उल्लेख हैं इस कार्य आदेश की कंडिका 11 में स्पष्ट लिखा हैं कि कार्य स्थल पर सूचना पटल तैयार कर सूचना पटल लगाया जावें, जिसमें कार्य से संबंधित सम्पूर्ण विवरण जिसमें योजना का नाम, कार्य का नाम, स्वीकृत वर्ष प्रशासकीय स्वीकृत राशि, कार्य प्रारंभ होने का दिनांक, कार्य पूर्ण होने का दिनांक, कार्य की मूल्यांकित राशि अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। जिला खनिज संस्थान न्यास मद का उल्लेख सहित कार्य प्रारंभ होने के पूर्व, कार्य स्थल पर लगाया जावे। इसके बाद भी सूचना पटल में पूर्ण जानकारी नहीं लिखी गई, बल्कि जानकारी छिपाई गई, जिस पर जिम्मेदार अधिकारियों ने भी कुछ नहीं किया, इसके पीछे अधिकारियों की क्या मंशा होगी समझा जा सकता हैं।
बहरहाल इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया हैं जिसमें जल्द ही एक और खुलासा होने वाला हैं साथ ही बड़े पैमाने पर शिकायत की तैयारी की जा हैं।