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भारत का सबसे बड़ा दुश्‍मन चीन अब पाकिस्‍तान को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट से लैस करने जा रहा

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नईदिल्ली
भारत इन दिनों तेजस फाइटर जेट के उत्‍पादन के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है लेकिन अमेरिका के इंजन नहीं देने से इसमें जल्‍द सफलता मिलती नहीं दिख रही है। अब कहा जा रहा है कि नवंबर महीने में भारत को पहला तेजस फाइटर जेट मिलेगा। वहीं भारत का सबसे बड़ा दुश्‍मन चीन अब पाकिस्‍तान की वायुसेना को पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट से लैस करने जा रहा है। पाकिस्‍तानी मीडिया के मुताबिक पाकिस्‍तानी वायुसेना के फाइटर पायलट अब चीन के J-31 स्‍टील्‍थ फाइटर जेट की ट्रेनिंग लेना शुरू कर चुके हैं। कुछ समय पहले ही पाकिस्‍तानी वायुसेना के प्रमुख ने संकेत दिया था कि उनका देश जल्‍द ही चीन ने जे-31 फाइटर जेट खरीदने जा रहा है। पाकिस्‍तान की वायुसेना जहां पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट से लैस होने जा रही है, वहीं भारत अभी भी चौथी पीढ़ी के राफेल फाइटर जेट पर अटका हुआ है।

पाकिस्‍तानी टीवी चैनल बोल न्‍यूज की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्‍तानी वायुसेना के पायलटों ने चीन में जे-31 जेट की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया है। उसने बताया कि यह पाकिस्‍तान की एयरफोर्स के लिए बड़ी घटना है। उसने बताया कि जल्‍द ही पाकिस्‍तानी वायुसेना में चीनी जे-31 फाइटर जेट को शामिल कर लिया जाएगा और ये ट्रेन किए हुए पायलट उसे उड़ाएंगे। चीन का दावा है कि उसका जे-31 या FC-31 फाइटर जेट पांचवीं पीढ़ी का है और उसे रेडॉर से पकड़ा नहीं जा सकता है। इसी वजह से चीन इसे 'अदृश्‍य' मानता है। इससे पहले पाकिस्‍तानी वायुसेना के तत्‍कालीन प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने 2 जनवरी को ऐलान किया था कि उनका देश इस नए चीनी फाइटर जेट को शामिल करने जा रहा है।

पाकिस्‍तान और तुर्की के प्‍लान से डरा चीन!

इससे पहले पाकिस्‍तान ने चीन से जे-10सी फाइटर जेट खरीदा था जो उसने राफेल से टक्‍कर लेने के लिए लिया है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्‍तान को यह फाइटर जेट बेचना चीन के लिए काफी महत्‍वपूर्ण है। पाकिस्‍तान इन दिनों चीन के हथियारों का सबसे बड़ा ग्राहक बनकर उभरा है। उन्‍होंने कहा कि चीन इस विमान के लिए पाकिस्‍तान को सब्सिडी और सपोर्ट मुहैया करा सकता है। चीन पाकिस्‍तान को चेंगदू जे-20 फाइटर जेट के प्रोडक्‍शन में भी मदद का ऑफर दे सकता है। यह विमान भी पांचवीं पीढ़ी का है। दरअसल, चीन को डर सता रहा है कि उसका सबसे बड़ा ग्राहक तुर्की के पास जा सकता है जो कान फाइटर जेट बना चुका है।

एफ-35 को टक्‍कर देने के लिए बनाया जे-31 जेट

कान एक पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है और तुर्की ने पाकिस्‍तान को इसका ऑफर दिया है। तुर्की चाहता है कि पाकिस्‍तान इस विमान के निर्माण में मदद करे। वहीं कंगाल पाकिस्‍तान अब चीन बनाम तुर्की में फंसा हुआ था लेकिन माना जा रहा है कि वह अपने आका चीन की ओर ही जा रहा है। जे-31 एक कम कीमत वाला पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट है जिसका बड़े पैमाने पर उत्‍पादन किया जा सकता है। इसे चीनी वायुसेना और नेवी दोनों में शामिल किया गया है ताकि अमेरिका के एफ-35 और यूरोप के फोर प्‍लस फाइटर जेट को टक्‍कर दिया जा सके। पाकिस्‍तान की अभी जो माली हालत है, उसको देखकर लग नहीं रहा है कि वह बहुत बड़ी तादाद में यह विमान खरीद पाएगा। वहीं भारत की बात करें तो अभी हमारे पास एक भी पांचवीं पीढ़ी का विमान नहीं है। रूस और अमेरिका दोनों ही अपने स्‍टील्‍थ विमान बेचना चाहते हैं।

 

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