तेलअवीव
इजरायल की सेना (IDF) ने गुरुवार को दावा किया कि हमास (Hamas) के सैन्य विंग के प्रमुख मोहम्मद दायफ (Mohammed Deif) की पिछले महीने गाजा में इजरायली हवाई हमले में मौत हो गई थी. यह जानकारी समूह के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिया की तेहरान में हत्या के एक दिन बाद दी गई.
इजरायली सेना ने की तरफ से कहा गया, "IDF ऐलान करता है कि 13 जुलाई, 2024 को IDF लड़ाकू विमानों ने खान यूनिस के इलाके में हमला किया और खुफिया आकलन के बाद यह पुष्टि की जा सकती है कि हमले में मोहम्मद दायफ मारा गया."
इजरायली डिफेंस फोर्स ने इससे जुड़ा हुआ एक सोशल मीडिया पोस्ट भी किया.
इजरायली अधिकारियों ने कहा कि उन्हें संकेत मिले थे कि उनका हमला सफल रहा, लेकिन वे अब तक यह पुष्टि नहीं कर पाए हैं कि वह मारा गया है.
हमास ने इजरायल के द्वारा किए गए इस ऐलान पर कोई तत्काल जवाब नहीं दिया है. यह ऐलान ऐसे वक्त में किया गया है, जब तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानिया के अंतिम संस्कार के लिए भीड़ इकट्ठा हो रही थी.
ऐसा माना जाता है कि दायफ 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल पर हमास के हमले के मास्टरमाइंडों में से एक था, जिसकी वजह से गाजा युद्ध शुरू हुआ, जिसको 300 दिन हो रहे हैं.
हमास के टॉप लीडर्स में शामिल था दायफ
हमास के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक, दायफ 30 साल से ज्यादा वक्त तक समूह में आगे बढ़ता रहा और सुरंगों का नेटवर्क और बम बनाने में विशेषज्ञता विकसित करता रहा.
मोहम्मद दायफ, दशकों से इजरायल की मोस्ट वॉन्डेट लिस्ट टॉप पर है. इजरायल उसे आत्मघाती बम विस्फोटों में दर्जनों इजरायलियों की मौत के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार मानता आया है.
इस्माइल के जनाजे के बीच इजरायल ने दी यह खबर
यहूदी देश की सेना ने कहा कि मोहम्मद डीफ ने ही 7 अक्टूबर के हमले की प्लान की और उसे अंजाम दिया था। इजरायल की ओर से यह घोषणा उस दौरान की गई, जब ईरान की राजधानी तेहरान में हमास के नेता इस्माइल हानियेह के जनाजे में हजारों की भीड़ जुटी थी। माना जा रहा है कि इस बड़े ऐलान के लिए इजरायल ने जानबूझकर ऐसा मौका चुना ताकि हमास और ईरान का मनोबल तोड़ा जा सके। बता दें कि मंगलवार को ही इजरायल ने तेहरान में इस्माइल को मार डाला था। उसकी हत्या उस दौरान की गई, जब वह ईरान के नए राष्ट्रपति के शपथ समारोह से लौट रहा था।
30 सालों से इजरायल को थी मोहम्मद डीफ की तलाश
मोहममद डीफ का मारा जाना इजरायल के लिए बड़ी सफलता है क्योंकि उसकी 30 सालों से तलाश थी। उसे अमेरिका ने भी 2015 में अपनी इंटरनेशनल टेररिस्ट्स की लिस्ट में शामिल किया है। इजरायल की सेना ने कहा कि उनकी धरती पर डीफ ने बीते सालों में कई हमले किए थे। गौरतलब है कि इजरायल पर हुए भीषण हमले में 1200 लोग मारे गए थे। वहीं करीब 250 लोगों को हमास के आतंकियों ने बंधक बना लिया था।