भ्रष्ट सीएमओ अनुभव सिंह ने एक महीने की छुट्टी के बाद 15 दिनों की और मेडिकल की ली छुट्टी…
मुंगेली/ वर्तमान में मुंगेली की जनता नगर पालिका के हालात को लेकर काफी चिंतित हैं क्योंकि मुंगेली नगर पालिका की लचर व्यवस्था के चलते न ही कोई विकास कार्य हो रहा, न गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य हो रहा हैं और न ही जनता का कोई काम हो रहा हैं, शहर समस्याओं से घिरा हुआ हैं, निर्माण कार्यो में भी भ्रष्टाचार देखा जा सकता हैं। मुंगेली नगर पालिका में भ्रष्टाचार अपने चरम पर हैं, नगर पालिका में पहले के हुये घोटालों पर हुए कानूनी कार्यवाही के बाद भी वर्तमान के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई सबक नहीं लिया गया।
बीआरसाव स्कूल परिसर में अवैध रूप से दुकान निर्माण हो, 13 लाख का नाली निर्माण घोटाला हो या अभी वर्तमान का चर्चित मवेशी बाजार में वसूली का घोटाला हो, अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुए और उन्हें जेल जाना पड़ा। पहले बताये दो मामलों में जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो चुके हैं, मवेशी बाजार वसूली घोटाले में भी जनप्रतिनिधियों के नाम जल्द सामने आने की संभावना बताई जा रही हैं ।
जांच टीम ने 3 को बताया दोषी…2 जेल में, CMO अनुभव छुट्टी में…
मुंगेली नगर पालिका में मवेशी बाजार में वसूली में हुए करोड़ों के हेराफेरी में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के उच्च स्तरीय जांच में सीएमओ अनुभव सिंह को स्पष्ट तौर पे उत्तरदायी बताया गया हैं लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम फाइल कार्यालयों में ही चक्कर लगा रही हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के उच्च स्तरीय जांच में मवेशी बाजार में हुए गबन राशि मामले की शिकायत की पुष्टि करते हुए गबन के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनुभव सिंह, तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक मोरिस राज सिंह और प्रभारी कैशियर यतेंद्र पांडे को उत्तरदायी पाया था, जिसमें पुलिस जांच में 2 अधिकारियों मोरिराज और यतेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया हैं वहीं अभी तक सीएमओ अनुभव सिंह के खिलाफ मंत्रालय स्तर में मामला लंबित हैं, ऐसे में चर्चा हैं कि भ्रष्ट सीएमओ अनुभव सिंह को बचाने शासन स्तर में या प्रशासनिक स्तर में कुछ लोग सक्रिय हो गए है और इसमें बड़ी राशि लेनदेन की भी चर्चा मुंगेली क्षेत्र में जोरों पर हैं।
घोटालेबाज व भ्रष्ट सीएमओ अनुभव एक महीने से छुट्टी पर…छुट्टी खत्म फिर पंद्रह दिनों की छुट्टी का दिया आवेदन…
प्राप्त जानकारी के अनुसार मवेशी बाजार में वसूली राशि के गबन मामले में जैसे ही पुलिस की ओर मामले में पहली गिरफ्तारी की गई, उसके बाद से सीएमओ अनुभव सिंह ने स्वास्थ्य संबंधी कारणों से छुट्टी ले लिया हैं, 26/07/2024 को उनकी छुट्टी समाप्त हो गई थी पर जानकारी मिली हैं कि उनके द्वारा 15 दिनों की छुट्टी की मांग पुनः की गई हैं। हालांकि सीएमओ अनुभव सिंह ने स्वास्थ्यगत कारणों का हवाला दिया हैं। उनके अवकाश में रहने के कारण घनश्याम शर्मा, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत सरगाँव को मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पालिका परिषद मुंगेली का भी प्रभार दिया गया हैं।
नगर पालिका में नहीं हैं स्टेशनरी और प्रिंटिंग पेपर…
इसे मुंगेली शहर का सबसे बड़ा दुर्भाग्य ही कहा जाए कि मुंगेली नगर पालिका में A4 साईज का सामान्य प्रिंटिंग पेपर नहीं हैं, साथ ही स्टेशनरी भी नहीं हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुंगेली नगर पालिका में सूचना के अधिकार के तहत आवेदक द्वारा एक महत्वपूर्ण विषय में दिनांक 03/07/2024 को नगर पालिका मुंगेली से जानकारी मांगी गई थी, दिनांक 23/07/2024 को नगर पालिका के जनसूचना अधिकारी ने आवेदक को पत्र भेजते हुए बताया कि उनके द्वारा चाही गई जानकारी 356 पेज में हैं जिसका निर्धारित शुल्क 712 हैं, उसके बाद आवेदक द्वारा 25/07/2024 को जानकारी की राशि नगर पालिका में जमा कर दी गई, संबंधित जनसूचना अधिकारी द्वारा कहा गया कि 26 जुलाई को जानकारी मिल जाएगा, उसके बाद भी अभी तक जानकारी नहीं दी गई, अब विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के द्वारा यह कहा जा रहा कि नगर पालिका कार्यालय में A4 साईज का प्रिंटिंग पेपर और स्टेशनरी नहीं हैं जिसे सुन कोई भी आश्चर्यचकित हो जाये, हालाँकि जानकारी मिली हैं कि प्रभारी मुख्य नगर पालिका अधिकारी के द्वारा कोई भी चेक काटने या भुगतान के पहले काफी सतर्कता बरती जा रही साथ ही किसी भी चीज का भुगतान करने उन्हें सोचना पड़ रहा और फूंक फूंक कर वे कदम रख रहें हैं। मामले की जानकारी होते ही मुंगेलीवासियों ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात हैं कि नगरीय प्रशासन और विकास विभाग के मंत्री और डिप्टी सीएम अरुण साव मुंगेली जिले के ही हैं उसके बावजूद मुंगेली नगर पालिका को प्रिंटिंग कागज और स्टेशनरी के लिए तरसना पड़ रहा हैं और मुंगेली शहर समस्याओं और भ्रष्टाचार से घिरा हैं। बहरहाल अभी मुंगेली नगर पालिका और शहर की दुर्गति किसी से छिपी नहीं हैं अब देखना यह होगा कि मवेशी बाजार में हुए करोड़ों के गबन मामले की आंच कहाँ तक जाती हैं और किसे किसे अपने लपेटे में लेती हैं ?
हालांकि आवेदक की माने तो उनके अनुसार आज आवेदन दिए 28 दिन हुआ है नगर पालिका के पास दो दिन का समय जानकारी देने हैं लेकिन अगर नगर पालिका मुंगेली के अधिकारियों द्वारा जल्द ही प्रिंटिंग पेपर, स्टेशनरी नहीं खरीदी गई तो समय सीमा में जानकारी मिलना मुश्किल हैं, अगर दो दिनों में जानकारी नहीं देते तो यह अपने आप में बड़ी बात होगी कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी का निर्धारित शुल्क जमा करने के बाद भी समय सीमा में जानकारी नहीं दी जा सकी, बहरहाल उम्मीद हैं कि समाचार प्रकाशन के बाद प्रशासन नींद से जागे और इसमें कुछ कार्यवाही करें।
(दैनिक भारत-भास्कर के पास प्रमाण मौजूद हैं…)