जगदलपुर। महारानी अस्पताल में जिला खनिज निधि न्यास (डीएमएफटी) मद से नियुक्त करीब सौ कर्मचारियों की सेवा 31 मार्च को समाप्त हो गई, इन कर्मचारियों की सेवा समाप्त होने के बाद भी अपनी नौकरी बचने की आशा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इनकी सेवा अवधि तीन महीने और बढा दी गई है, लेकिन लिखित आदेश नहीं होने के कारण कर्मचारी अनिश्चितता की तलवार लटक रही हैं।
जिला महारानी अस्पताल में आपातकालीन से लेकर वार्ड और लैब तक डीएमएफटी कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है। रेडियोलाजी विभाग, आईसीयू, आर्थो वार्ड व सिटी स्कैन जांच इन्हीं कर्मचारियों ने संभाली है। डीएमएफटी मद से पदस्थ कर्मचारियों के निकाले जाने का खामियाजा बस्तर के मरीजों को उठाना पड़ेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार महारानी अस्पताल के 150 और मेकाज के 300 चिकित्सक, स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, टैक्नीशियन, सफाईकर्मी आदि को जिला प्रशासन द्वारा खनिज निधि न्यास से भर्ती किया गया है। इन कर्मचारियों की सेवा अवधि 31 मार्च तक बढ़ाया गया था। सेवा अवधि समाप्त होने के बाद सभी कर्मचारी चिंतित है। जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफटी मद में पैसा नहीं होने की बात कही जा रही है। इस•े पूर्व दिसम्बर में एनएचएम मद से कर्मचारियों को रखने का दिलासा दिया गया था पर अब तक इसका इंतजाम भी नहीं किया सका है।
डीएमएफटी मद से पदस्थ स्टाफ नर्स, वार्ड ब्वाय, टैक्नीशियन, सफाईकर्मी आदि को दिसंबर माह से वतन भी नहीं दिया गया है। इसके बावजूद स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सेवाएं लगातार दे रहे हैं। आर्थिक परेशानी से जूझने के बावजूद सभी कर्मचारी अपनी नौकरी बचने की आशा में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।