मुंगेली/ अखबारों में खाद्य सामग्री पैक करना आम बात हैं कई दुकानदार और होटल व्यवसायी खाद्य सामग्रियों को अखबार के कागजों में पैक कर बेचते हैं, ग्राहक भी वह समान लेकर ग्रहण कर लेता हैं लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से यह कितना खतरनाक हो सकता हैं यह हर कोई नहीं जानता। हमारे देश में कई परिवारों द्वारा भी अपने रसोईघरों में अखबारों का उपयोग खाद्य पदार्थो के लिए किया जाता हैं जो सभी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। FSSAI द्वारा भी खाद्य विक्रेताओं से जिम्मेदारी के साथ पैकेजिंग की प्रक्रिया अपनाने के साथ ही फूड सेलर को कंज्यूमर की भलाई के लिए सुरक्षित विकल्पों का इस्तेमाल करने का आग्रह किया जा चुका हैं FSSAI ने देश भर के कंज्यूमर, फूड सेलर और हितधारकों को खाद्य पैकेजिंग सामग्री के रूप में समाचार पत्र का उपयोग तुरंत बंद करने का निर्देश भी दिया हैं।
अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी द्वारा आज कलेक्टर मुंगेली के जनदर्शन में कलेक्टर के नाम आवेदन देते हुए खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम 2018 के तहत खाद्य पदार्थों को अखबारों में पैक करने पर प्रतिबंध का पालन कराने निर्देश देने की मांग की गई। स्वतंत्र तिवारी ने अपने आवेदन में कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) द्वारा दिनांक 24/12/2018 को भारत के राजपत्र के माध्यम से खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम 2018 उपबंधित किया गया है. इस विनियम के उपबंध 2 में कहा गया कि ये राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख को प्रवत्त होंगे और खाद्य कारोबार चालक 01/07/2019 से इन विनियमों के सभी उपबंधों का अनुपालन करना होगा। तथा इस विनियम 11 में यह उपबंधित किया गया कि “अखबार या किसी भी ऐसी सामग्री का भंडारण और खाद्य को लपेटने के लिये इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिये”।
भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण ने इस मामले में परामर्श जारी करते हुये आगाह किया था कि समाचार पत्रों, अखबारों में इस्तेमाल की जाने वाली स्याही में विभिन्न बायोएक्टिव सामग्री होती हैं, यह स्याही काफी हानिकारक होती है, इसमें खतरनाक केमिकल भी पाये जाते हैं, जानकारों की माने तो मुद्रण स्याही में सीसा, और भारी धातुओं सहित रसायन हो सकते हैं जो खाद्य सामग्री व भोजन में धुल सकते हैं जो स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी जोखिम भरा हैं जानकारों का यह भी मानना है कि समाचार पत्र वितरण के दौरान कई अलग-अलग जगहों से गुजरते हैं जिस कारण उनके बैक्टीरिया, वायरस या अन्य रोगजनकों के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता हैं, ऐसा अतिसंवेदनशील माना गया हैं क्योंकि खाद्य सामग्रियों को अखबारों में पैक करने या परोसने से से उन खाद्य सामग्रियों में स्थानांतरित हो सकते हैं। जिसके कई खाद्य जनित और गंभीर बीमारियों का करण बन सकते हैं। इसीलिये अखबारों का उपयोग खाद्य पदार्थ पैक करने या खाद्य पदार्थ परोसने रोका जाये तथा भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा खाद्य सामग्री पैक के लिये मानक व विशिष्ट आवश्यकताओं का ध्यान में रखा जाये। मामले में तत्काल कार्यवाही करते हुये भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा द्वारा उपबंधित विनियमों का कड़ाई से पालन करते हये अखबारों का उपयोग खाद्य पदार्थ पैक करने या खाद्य पदार्थ परोसने प्रतिबंध लगाने के सबंध में आदेश, निर्देश देते हुये कार्यवाही करने निवेदन किया गया, बताया गया कि यह सभी के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला हैं, साथ ही इसमें जागरूकता अभियान भी चलाये जाने की मांग भी की गई।
काफी हानिकारक होती हैं स्याही…
जानकारों की सलाह के अनुसार आमतौर पर समाचार पत्रों की छपाई के लिए उपयोग की जाने वाली मुद्रण स्याही में जैव सक्रिय पदार्थ, हानिकारक रंग, रंगद्रव्य, बाइंडर, योजक, रासायनिक संदूषक, सीसा, अन्य धातुओं सहित रसायन, बायोएक्टिव सामग्री और यहां तक कि रोगजनक सूक्ष्मजीव भी हो सकते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए संभावित खतरा पैदा कर सकते हैं जो कि बहुत ही खतरनाक और जानलेवा भी हैं।
हो सकती हैं कई बीमारियां…
एक्सपर्ट के अनुसार अखबार की स्याही में डाई आइसोब्यूटाइल फटालेट, डाइएन आईसोब्यूटाइलेट जैसे खतरनाक केमिकल्स मौजूद होते हैं। अखबार में गर्म खाना या खाद्य सामग्री रखने से ये स्याही कई बार खाने के साथ चिपक जाते हैं, जिससे सेहत को बहुत नुकसान होता है। शरीर में इन केमिकल्स की ज्यादा मात्रा होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। मुंह के कैंसर से लेकर फेफड़ों के कैंसर होने तक का खतरा रहता है। इसके अलावा आंखों की रोशनी, पाचन तंत्र, हार्मोनल इम्बैलेंस, नपुंसकता या इनफर्टिलिटी का खतरा भी होता है। इसीलिये खाद्य पदार्थो को अखबार में लेने से बचना चाहिए।
अधिवक्ता स्वतंत्र तिवारी ने कहा कि यह मामला आम जनता के स्वास्थ्य से जुड़ा हैं, आज मुंगेली कलेक्टर को जनदर्शन में लिखित आवेदन देकर खाद्य सुरक्षा और मानक (पैकेजिंग) विनियम 2018 के तहत खाद्य पदार्थों को अखबारों में पैक करने पर प्रतिबंध का पालन कराने आदेश, निर्देश देने की मांग की गई हैं, साथ ही इसमें जागरूकता अभियान चलाने की बात कही गई हैं, दुकानदारों और ग्राहकों को भी लोगों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अखबार में खाद्य सामग्रियों के पैकिंग से बचना चाहिए, लोगों की जान से खिलवाड़ न हो तथा वे इसके दुष्प्रभाव के चलते रोगी न हो इसलिये आज कलेक्टर से मामले में कार्यवाही करने की मांग की गई हैं, अगर उसके बाद भी कोई इस मामले को गंभीरता से नहीं लेता या लापरवाही करता हैं तो आगे न्यायालय में याचिका लगाई जा सकती हैं।