Home छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़-बस्तर के आदवासी इलाकों में पानी भरने पर गर्भवती को एंबुलेंस तक...

छत्तीसगढ़-बस्तर के आदवासी इलाकों में पानी भरने पर गर्भवती को एंबुलेंस तक चारपाई पर पहुंचाया

14
0

बस्तर.

बस्तर के कई जिलों में बारिश से लोगों का बुरा हाल है और इसका सीधा प्रभाव अंदरूनी इलाकों के ग्रामीणों में देखने को मिल रहा है। यहां सड़क और पुल न होने की वजह से आदिवासियों को नदी-नालों की चुनौतियों को पार करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक वीडियो सामने आया लेंडरा गांव से सामने आया है। यहां गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल ले जाना था, लेकिन इलाके में पक्की सड़क, पुल-पुलिया न होने और नदी-नाले लबालब होने की वजह से एंबुलेंस गांव तंक नहीं पहुंच पाई।
इसके बाद ग्रामीणों ने गर्भवती महिला को चारपाई की मदद से एंबुलेंस तक पहुंचाने का फैसला लिया और तीन किलोमीटर तक नदी-नालों से होकर गर्भवती महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया।  बता दें कि इन इलाकों में ऐसी तस्वीर कोई नई बात नहीं है। संवेदनशील इलाकों तक सड़क पुल न बन पाने की वजह से बारिश में इन आदिवासियों को ऐसे ही जिंदगी के लिए दो-चार होना पड़ता है। ग्रामीणों का आरोप है कि कई वर्षों से सड़क को लेकर मांग किए जाने के बावजूद इन इलाकों में आज तक सड़क नहीं बन पाई ।
बता दें कि बस्तर के बिहार में रहने वाले आदिवासी ग्रामीण सुविधाओं के अभाव में ऐसा भी चुनौतियों से जूझते रहते हैं, क्योंकि अंदरुनी ज्यादातर इलाके नक्सल प्रभावित होने की वजह से बुनियादी सुविधाएं गांव तक नहीं पहुंच पाती, जिसका खामियाजा इन ग्रामीणों को अपनी जान देकर भी चुकाना पड़ता है। बारिश में इन आदिवासियों की चुनौतियां दोगुनी हो जाती हैं। जब नदी नालों में पानी भर जाता है, तब मुख्य सड़क से भी इन ग्रामीणों का कटाव हो जाता है। ऐसे में राशन से लेकर स्वास्थ्य संबंधी सभी समस्याओं के लिए इन ग्रामीणों को उफनते नाले को भी पार करना होता है। मुसीबत तब बड़ी हो जाती है, जब किसी बीमार मरीज या गर्भवती महिला को कई किलोमीटर तक पैदल चारपाई की मदद से पहुंचना होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here