लखनऊ। लखनऊ के गोमतीनगर कोतवाली में व्यापारी ने पीएनबी बैंक मैनेजर समेत पांच लोगों के खिलाफ जाली दस्तावेजों के आधार पर खाता खोल कर 13 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का मुकदमा दर्ज कराया है। बैंक अधिकारी और कर्मचारियों पर आरोप है कि उन्होंने ठगी के राज को छिपाने के लिए जाली कागज भी तैयार किए थे। इस मामले में पीड़ित ने रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया में भी शिकायत की थी। व्यापारी के नाम एमएसएमई एकाउंट खोल दिया।
विश्वासखंड-दो निवासी प्रियांक श्रीवास्तव के मुताबिक पीएनबी तरुण दास, पवन सिंह, शम्मी भसीन, हरीश जुनेजा और पुनित मिश्रा ने जाली दस्तावेज के सहारे एक एमएसएमई अकाउंट खोला था। जिसमें प्रियांक को खाताधारक दिखाया गया था। जबकि प्रियांक ने कभी ऐसा खाता खोला ही नहीं था। पीड़ित के अनुसार अवैध तरीके से खोले गए खाते में जाली हस्ताक्षर के जरिए सैकड़ों की संख्या में लेनदेन भी दिखाए गए। करीब 13 करोड़ रुपये के लेनदेन होने की बात सामने आई थी। प्रियांक के मुताबिक बैंक कर्मियों ने मिलीभगत कर उनके नाम से खोले गए खाते को एनपीए करार दे दिया था। जिसके बाद उन्हें फर्जीवाडे का पता चला। सच्चाई सामने आने पर प्रियांक ने बैंक अधिकारियों से दस्तावेज मांगे थे। जो उन्हें नहीं दिए गए थे।
आडिट पर खुली खामियां
आरटीआई लगाने पर आधे-अधूरे दस्तावेज सौंपे गए थे। जिनकी जांच प्रियांक ने निजी ऑडिट एजेंसी से कराई थी। जिसकी रिपोर्ट में भी बैंक की खामी सामने आई थी। इसे आधार बनाते हुए प्रियांक ने रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया में शिकायत करते हुए पीएनबी बैंक मैनेजर और अधिकारियों के पास मौजूद दस्तावेज दिलाने के लिए कहा था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। वहीं, खाता फर्जी अकाउंट खोलने के बाद उसे एनपीए करार दिए जाने की वजह से प्रियांक को लोन हासिल करने में दिक्कत आने लगी। प्रियांक के अनुसार बैंक कर्मियों ने मिलीभगत कर फर्जी अकाउंट का संचालन भी खुद ही किया था। पीड़ित के अनुसार 13 करोड़ रुपये का हेरफेर होने की बात पता चलने पर उन्होंने डीसीपी पूर्वी अमित आनन्द से मुलाकात कर उन्हें घटना की जानकारी दी थी। जिनके निर्देश पर गोमतीनगर कोतवाली में मैनेजर तरुण दास, पवन सिंह, शम्मी भसीन, हरीश जुनेजा और पुनित मिश्रा के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।