रियो डि जिनेरियो
दुनिया के शीर्ष विकसित और विकासशील देशों के वित्त मंत्री अरबपतियों पर प्रभावी ढंग से कर लगाने के प्रस्ताव पर सहमत हुए। एक संयुक्त मंत्रिस्तरीय घोषणापत्र में यह जानकारी दी गई है।
रियो डि जिनेरियो में जी20 देशों के वित्त मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक के बाद जारी घोषणापत्र में कहा गया है, “कर संप्रभुता के प्रति पूर्ण सम्मान के साथ, हम सहयोगात्मक रूप से यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगे कि अरबपतियों पर प्रभावी रूप से कर लगाया जाए।”
ब्राजील ने रियो डि जिनेरियो में 18-19 नवंबर को प्रस्तावित जी20 शिखर सम्मेलन से पहले अरबपतियों पर न्यूनतम दो फीसदी संपत्ति कर लगाने का प्रस्ताव रखा है। इस प्रस्ताव पर सहमति कायम करना समूह के अध्यक्ष के रूप में उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
हालांकि, घोषणापत्र में विशिष्ट वैश्विक कर पर सहमति कायम नहीं की जा सकी, लेकिन ब्राजील के वित्त मंत्री फर्नांडो हद्दाद ने इसे ‘महत्वपूर्ण कदम’ करार दिया। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “हम इस तरह के नतीजे को लेकर हमेशा आशावादी थे, लेकिन यह वास्तव में हमारी शुरुआती उम्मीदों से कहीं अधिक है।”
अरबपतियों पर कर लगाने के ब्राजील के प्रस्ताव का जहां फ्रांस, स्पेन और दक्षिण अफ्रीका ने समर्थन किया है, वहीं अमेरिका इसके खिलाफ है।
अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने संवाददाताओं से कहा, “कर नीति को वैश्विक स्तर पर समन्वयित करना बहुत कठिन है। हमें इस संबंध में किसी वैश्विक समझौते पर बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं दिखती और वास्तव में हमें यह वांछनीय भी नहीं लगता।”
ब्राजील द्वारा नियुक्त फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गेब्रियल जुकमैन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में अरबपति अपनी संपत्ति का 0.3% हिस्सा कर के रूप में चुकाते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो फीसदी संपत्ति कर लगाने से वैश्विक स्तर पर लगभग 3,000 अरबपतियों से हर साल 200 अरब डॉलर से 250 अरब डॉलर जुटाए जा सकेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस धनराशि का इस्तेमाल शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी सार्वजनिक सेवाओं के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई के लिए भी किया जा सकता है।