मिर्जापुर
बलिया में पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक ने भी सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। थानों पर तैनात 29 ऐसे हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया है, जिनके ऊपर थाने में कारखासी करने का आरोप लगता रहता है। कारखासी का मतलब कि थाने की वसूली वाला कार्य करना। पैसे का जो भी मामला हो, उससे पूरा करने में इनका रोल महत्वपूर्ण रहता है।
यह है पूरा मामला
बॉर्डर के थानों चौकियों पर वसूली करने के मामले की खबर छपने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिनंदन द्वारा 29 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया है। इससे यह तय हो गया कि मिर्जापुर में बलिया कांड न दोहराया जाए। उससे पहले ऐसे हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है, जिन पर कारखासी करने का आरोप लगता रहता है।
इससे पहले भी पुलिस अधीक्षक ने आईपीएल वसूली मामले में शहर कोतवाली में पूर्व में तैनात रहे चंदन मिश्रा को इसलिए निलंबित किया था कि आईपीएल सट्टा कराने वालों ने चंदन मिश्रा का नाम लिया था। शहर कोतवाली से हटने के बाद भी चंदन मिश्रा पर आईपीएल सट्टेबाजों से वसूली करने का आरोप था। चंदन मिश्रा का शहर कोतवाली में वही कार्य था, जो शनिवार को लाइन हाजिर किए गए 29 हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल का है।
जिन लोगों को पुलिस अधीक्षक ने लाइन हाजिर किया है। उसमें अहरौरा, अदलहाट, विंध्याचल, मड़िहान, पड़री, जिगना, चील्ह, लालगंज, जमालपुर, चुनार, कछवां, शहर कोतवाली, देहात कोतवाली, कटरा कोतवाली, विंध्याचल थाना है। इसमें सबसे अधिक अहरौरा से पांच और अदलहाट से चार लोग हैं। माना भी यही जाता है कि अदलहाट और अहरौरा थाना वसूली में नंबर एक और दो पर रहता है। इन दोनों थानों का पूर्व में वसूली लिस्ट भी वायरल हो चुका है।