Home देश जंग के बीच अगले महीने यूक्रेन की यात्रा करेंगे पीएम मोदी, युद्ध...

जंग के बीच अगले महीने यूक्रेन की यात्रा करेंगे पीएम मोदी, युद्ध खत्म होने के आसार

9
0

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद पहली बार अगले महीने कीव की यात्रा कर सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीएम मोदी 23 अगस्त को यूक्रेन जा सकते हैं। आपको बता दें कि करीब एक महीना पहले इटली में जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की की मुलाकात हुई थी।

इटली में दोनों नेताओं को मिलते समय गले मिलते देखा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों में लगातार तीसरी जीत के बाद ज़ेलेंस्की ने उन्हें बधाई दी थी और यूक्रेन की यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया था।

प्रधानमंत्री की यूक्रेन की यात्रा से इसलिए भी युद्ध की समाप्ति के आसार बन रहे हैं क्योंकि वह रूस की यात्रा के ठीक बाद यूक्रेन की यात्रा करने वाले हैं। इससे पहले जेलेंस्की ने पीएम मोदी से मध्यस्थता करने की अपील की थी।

इससे पहले सितंबर 2022 में उज्बेक शहर समरकंद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा था, "आज का युग युद्ध का नहीं है।" उन्होंने पुतिन से यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए कहा। उनके संदेश को दुनिया का तमाम नेताओं से प्रशंसा मिली।

इस साल मार्च में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ एक फोन कॉल में पीएम मोदी ने भारत-यूक्रेन साझेदारी को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने इस दौरान संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और कूटनीति का रास्ता अपनाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हरसंभव प्रयास करता रहेगा।

युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत का मानना ​​रहा है कि इसे केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत किसी भी शांति प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है।

रूस में पुतिन से भी मिले थे पीएम मोदी

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही भारत कहता रहा है कि इसको सिर्फ बातचीत और कूटनीति के जरिए ही हल किया जा सकता है और भारत शांति के किसी भी प्रयास में योगदान देने के लिए तैयार है.पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी मुलाकात के दौरान इस बात पर जोर दिया था कि युद्ध के मैदान में हिंसा का कोई भी समाधान नहीं खोजा जा सकता. उन्होंने कहा था, "भारत हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता समेत संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने पर जोर देता रहा है", आगे बढ़ने का रास्ता सिर्फ बातचीत और कूटनीति ही है.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here