अग्निपथ योजना भारतीय सशस्त्र बलों के लिए आगे बढ़ने का रास्ता : प्रमोद सावंत
मुख्यमंत्री सावंत ने अग्निपथ योजना की प्रशंसा करते हुए कहा भारतीय सशस्त्र बलों के लिए आगे बढ़ने का एक रास्ता है
अग्निवीर योजना पर इंद्रेश कुमार ने कहा, युवाओं को इसका लाभ समझाएं
पणजी
गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने केंद्र की अग्निपथ योजना की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए आगे बढ़ने का एक रास्ता है और इससे देश के लिए समर्पित युवा बल तैयार होगा।
केंद्र ने सेना, नौसेना और वायुसेना में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए 2022 में अग्निपथ योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य तीनों सेवाओं में युवा बल को बनाए रखना तथा स्थायी सैनिकों की संख्या में कमी लाना है।
सावंत ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अग्निपथ योजना हमारे सशस्त्र बलों के लिए आगे बढ़ने का एक रास्ता है और यह भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए समर्पित, प्रेरित युवा बल तैयार करेगी।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अग्निपथ योजना को सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण बताया था। उन्होंने विपक्ष पर सशस्त्र बलों में औसत आयु वर्ग के युवा रखने के उद्देश्य से शुरू की गई इस भर्ती योजना को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था।
मोदी ने करगिल युद्ध में जीत की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर अपने संबोधन में कहा था कि कुछ लोग राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने उन दावों को भी खारिज किया था कि पेंशन के पैसे बचाने के लिए अग्निपथ योजना शुरू की गई है।
अग्निवीर योजना पर इंद्रेश कुमार ने कहा, युवाओं को इसका लाभ समझाएं
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता इंद्रेश ने अग्निवीर योजना को लेकर मचे सियासी बवाल पर कहा कि यह सरकार की सुंदर योजना है, लेकिन इसे लेकर युवाओं के बीच कुछ गलतफहमी है, जिन्हें दूर करने की जरूरत है। इसके लिए सरकार और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को आगे आकर संवाद स्थापित करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “इस योजना के अंतर्गत युवाओं को बहुत बड़ी राशि उपहार के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। इससे वो चाहें तो अपना व्यापार भी कर सकते हैं। बीते दिनों बड़ी संख्या में युवाओं ने इस योजना का विरोध किया था और केंद्र सरकार से इसे वापस लेने की मांग की थी। मुझे लगता है कि यह युवाओं के बीच मौजूद गलतफहमी की वजह से हुआ, इसलिए सरकार और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी युवाओं के बीच जाएं और उन्हें इस योजना के फायदे के बारे में बताएं, ताकि वो इस तरह के हिंसात्मक कदम उठाने से बचें।”
इसके अलावा, उन्होंने इस योजना में बदलाव पर जोर देते हुए कहा, “अगर इस योजना में कुछ परिवर्तन करने की जरूरत है तो करें और इसे फिर से युवाओं के बीच प्रस्तुत करें, ताकि इसे लेकर जो भी भ्रांतियां हैं, उसे दूर किया जा सके।”
वहीं, आरएसएस नेता ने नेम प्लेट को लेकर मचे सियासी बवाल पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी, जिसका सम्मान सरकार और प्रशासन दोनों ने किया।”
दरअसल, बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ रूटों पर खाने पीने की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। यह रोक पांच अगस्त तक जारी रहेगी। पांच अगस्त को फिर से इस पर सुनवाई होगी। इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया। सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि नेमप्लेट लगाने का आदेश इसलिए दिया गया था, ताकि राज्य में शांति व्यवस्था भंग ना हो।