तेल अवीव
इजरायल में हमास की तबाही के निशान 9 महीने बाद भी मिल रहे हैं। इजरायली सेना ने गुरुवार को बताया कि दक्षिणी इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास के हमले के दौरान मारे गए पांच इजरायली नागरिकों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इनके शवों को गाजा पट्टी ले जाया गया था। इजरायली सेना ने बताया कि माया गोरेन के साथ-साथ सैनिक टोमर अहिमास और किरिल ब्रोडस्की के शव बरामद हुए थे। इनके अलावा, रविद आर्येह काट्ज और ओरेन गोल्डिन (मिलिट्री रिजर्विस्ट) के शवों को भी बचाव अभियान के बाद इजरायल वापस भेज दिया गया है।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल ने इन पांचों को पहले ही मृत घोषित कर दिया था। सेना तथा एक इजरायली अभियान समूह, 'बंधक और लापता परिवार फोरम' ने कहा है कि वे सभी हमले के दिन फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा मारे गए थे। सेना ने कहा कि 7 अक्टूबर को आतंकवादियों से लड़ते हुए सैनिक युद्ध में मारे गए। आधिकारिक इजरायली आंकड़ों के आधार पर उस दिन हमास आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 1,197 लोग मारे गए, जिनमें से ज्यादातर नागरिक थे। इस दिन हमास के आतंकियों ने 251 बंधकों को भी किडनैप किया था। इनमें से 111 गाजा में ही हैं। इनमें से भी 39 के बारे में सेना का कहना है कि वे मर चुके हैं। सेना ने बताया कि गाजा पट्टी के दक्षिण में मुख्य शहर खान यूनिस में एक अभियान के दौरान बुधवार को शव बरामद किए गए। यह इजरायल और हमास के बीच गाजा युद्ध के नौ महीने से अधिक समय बाद हुआ है। सेना ने विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा कि बचाव अभियान से पहले एकत्रित की गई खुफिया जानकारी में गिरफ्तार उग्रवादियों द्वारा दी गई जानकारी शामिल थी।
रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने मिशन की प्रशंसा करते हुए एक बयान में कहा कि सेना "हमास के पराजय तक उससे लड़ती रहेगी। हम बंधकों को घर वापस भेजने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" शवों की बरामदगी खान यूनिस पर सेना द्वारा नए हमले के कुछ दिनों बाद हुई। इजरायल ने कहा कि वह क्षेत्र में महीनों तक चली भीषण लड़ाई के बाद अप्रैल में शहर से सैनिकों को वापस बुला रहा था।
गाजा में इजरायल-हमास युद्ध अपने 10वें महीने में प्रवेश कर चुका है, जिसमें कम से कम 39,090 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और 90,147 अन्य घायल हुए हैं। इजरायल और हमास कई दौर की बातचीत के बाद पूर्ण युद्धविराम समझौते और बंधकों की रिहाई के समझौते पर पहुंचने में विफल रहे हैं। निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) ने बुधवार को कहा कि गाजा पट्टी में लोग निरंतर विस्थापन और प्रतिकूल स्थितियों में रह-रहकर थक चुके हैं तथा छोटे और भीड़भाड़ वाले इलाकों में फंस गए हैं।