मुज्जफरपुर.
जिले के करजा थाना क्षेत्र रक्सा गांव के बबन ठाकुर की पत्नी शांति देवी पिछले वर्ष 30 अगस्त को कांटी थाना क्षेत्र के हरचंदा चौक के पास सड़क दुर्घटना में घायल हो गई, जिसे इलाज के लिए उसी दिन जिले के चिकित्सक मंडी जुरन छपरा रोड के स्थित आसव हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर इलाज के दौरान बबन ठाकुर की पत्नी शांति देवी की मौत दिनांक 31 अगस्त 2023 को हो गई।
तत्पश्चात मृतिका का पोस्टमार्टम भी एसकेएमसीएच में हुआ। विदित हो कि परिवादी बबन ठाकुर ने वाहन मालिक के विरुद्ध कांटी थाने में प्राथमिकी भी दर्ज कराया। उसके बाद परिवादी बबन ठाकुर मृत्यु प्रमाण-पत्र के लिए अस्पताल का चक्कर लगाने लगा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन द्वारा पीड़ित बबन ठाकुर को आज तक मृत्यु प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया। इसमें परिवादी का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन द्वारा उसे दौड़ाते दौड़ाते परेशान कर दिया गया। अंत में थक-हारकर के परिवादी ने मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एसके झा के माध्यम से अस्पताल के विरुद्ध जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष परिवाद दाखिल किया। इसमें परिवादी ने कहा कि उसने अस्पताल प्रबंधन को अपनी पत्नी के इलाज के लिए कुल 75 हजार का भुगतान भी किया था। परिवादी ने अपने परिवाद-पत्र के माध्यम से मृत्यु प्रमाण-पत्र की मांग की है तथा आर्थिक और मानसिक व शारीरिक हर्जाना के मद में एक लाख रुपये का दावा भी अस्पताल पर किया है। आयोग के द्वारा अस्पताल के प्रबंध निदेशक को 9 सितंबर को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया है। पूरे मामले में परिवादी के अधिवक्ता एसके झा ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा मृत्यु प्रमाण-पत्र नहीं दिया जाना उपभोक्ता संरक्षण नियमावली के तहत सेवा में कमी की कोटि का मामला है।