पेरिस
पेरिस ओलंपिक की औपचारिक शुरुआत शुक्रवार यानी 26 जुलाई को होगी, लेकिन भाग लेने वाले दुनिया भर के खिलाड़ियों का खेल गांव में पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है. खेल गांव इस बार 15,000 एथलीटों की मेजबानी करने के लिए तैयार है. इनके लिए 3,500 सीटों वाली कैंटीन 12 जुलाई को खोल दी गई है. इस कैंटीन में 24/7 खाना परोसा जाएगा. खाने का मेन्यू इस तरह का तैयार किया गया है कि 200 से अधिक राष्ट्रीयताओं वाले हर महाद्वीप के एथलीटों की अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके. ताकि हर कोई घर जैसा महसूस कर सके.
खेल गांव की कैंटीन में मांस रहित जीवनशैली के लाभों को बढ़ावा देने के लिए 100 फीसदी शाकाहारी भोजन उपलब्ध होगा. पेरिस खेलों में भोजन और पेय पदार्थों के लिए जिम्मेदार फिलिप वुर्ज ने कहा, “हम शाकाहारी विकल्पों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे. खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध 60 प्रतिशत व्यंजन शाकाहारी होंगे. हम आश्वस्त हैं कि इन खेलों के साथ हमारे पास चीजों को अलग तरीके से करने और यह दिखाने का एक अनूठा अवसर है कि एक और मॉडल संभव है. हम यह बेहद गर्व के साथ यह घोषणा कर सकते हैं कि ला कॉनकॉर्ड (एक खास रेस्त्रा) में भोजन के सभी विकल्प 100 प्रतिशत शाकाहारी होंगे. यह खेलों के इतिहास में पहली बार है और चार साल के काम का नतीजा है.”
भारतीयों को मिलेगा घर जैसा खाना
भारत ने टोक्यो ओलंपिक में एक स्वर्ण, जो रजत और चार कांस्य सहित कुल सात पदक जीते थे. इसलिए पेरिस खेलों में भारत अधिक से अधिक मेडल जीतने की कोशिश करेगा. भारतीय एथलीटों पर ज्यादा से ज्यादा पदक जीतने का दबाव होगा. ऐसे में भारतीय एथलीटों के लिए एक राहत की खबर यह है कि उन्हें खेलों के दौरान घर जैसा स्वादिष्ट खाना मिलेगा. भारतीय एथलीटों के मेन्यू में विशेष रूप से उबला बासमती चावल, दाल, रोटी, आलू-गोभी, हल्के मसालेदार भारतीय शैली की चिकन करी जैसे आइटम मौजूद होंगे.
इंटरनेशनल कुजीन, 500 डिशेज
खेल गांव में हर दिन चार थीमों पर आधारित खाना सर्व किया जाएगा. चारों थीमों पर 40 अलग-अलग डिश होंगी. चार थीम होंगी, फ्रेंच, एशियन, अफ्रीकी-कैरिबियन और वर्ल्ड कुजीन. हर एथलीट को अपनी पसंद का कुछ न कुछ मिलेगा. साथ ही, 30 से अधिक विकल्पों के साथ एक सलाद बार, ग्रिल मीट, एक चीज सेक्शन, एक बेकरी सेक्शन, एक हॉट फूड बुफे, एक डेजर्ट बार और सभी तरह के फ्रूट्स का एक काउंटर होगा. एशियाई कुजीन में एक डिश पोर्क के कीमे के साथ बासमती चावल और दूसरी फूलगोभी और पके हुए आलू होंगे.
सीख सकेंगे फ्रेंच डिश बनाना
सोडेक्सो लाइव के एक्जीक्यूटिव शेफ स्टीफन चिचेरी ने बताया, “एथलीटों के लिए खाना ही एकमात्र विकल्प नहीं है. वे यह भी सीख सकेंगे कि फ़्रांस के सबसे प्रसिद्ध व्यंजनों में से एक: बैगूएट कैसे बनाया जाता है.” ओलंपिक और पैरालंपिक गांव में एक बेकरी होगी जो एथलीटों के लिए वर्कशॉप यानी कार्यशालाएं आयोजित करेगी. ओलंपिक खेलों में खान-पान की पूरी जिम्मेदारी सोडेक्सो लाइव की है. शेफ स्टीफन चिचेरी ने कहा, “हमने यह पहले से तय कर लिया था कि ओलंपिक विलेज में एक बेकरी होनी चाहिए. चाहे कुछ भी हो, हम खेल गांव में खुद बैगूएट बनाना चाहते थे.”
फूड कोर्ट भी होगा खेल गांव में
खेल गांव और रेस्तरां के बीच फूड कोर्ट की जगह होगी. इसमें 500 वर्ग मीटर (5,400 वर्ग फुट) की टेरेस होगी. एथलीटों के लिए कुछ खास भोजन भी पेश किए जाएंगे. इन्हें सोडेक्सो लाइव के शेफ चार्ल्स गुइलॉय और स्टीफ़न चिचेरी द्वारा डिजाइन किया गया है. एक्जीक्यूटिव शेफ स्टीफन चिचेरी ने कहा, “मेरे लिए, जब पेरिस की बात आती है, तो क्रोइसैन पहली चीजों में से एक है जिसे हम खाना चाहते हैं. हम क्रोइसैन को आटिचोक और ट्रफल के साथ बनाएंगे. यह एक शाकाहारी व्यंजन है जिसे चलते फिरते खाना आसान और मजेदार है.”
भारत को कैसे मिली सहूलियत
भारतीय ओलंपिक संघ के साथ बैठक के दौरान पेरिस ओलंपिक के आयोजकों को भारतीय एथलीटों के लिए मेन्यू दिया गया था. भारत के दल प्रमुख शिवा केशवन ने कहा, ” भारतीय व्यंजनों को शामिल करने के लिए संशोधित मेन्यू की हमारी लिस्ट स्वीकार कर ली गईं. हमारे एथलीटों के लिए भोजन एक बड़ा मुद्दा है. बेशक, ओलंपिक में, आप दुनिया भर के व्यंजनों से जुड़ सकते हैं. लेकिन हमने आयोजकों पर अपने एथलीटों के लिए दक्षिण एशियाई मेन्यू शामिल करने के लिए दबाव डाला.”