विभागीय जांच में गबन की हो चुकी हैं पुष्टि…तीन अधिकारी पाये गए उत्तरदायी…2 पुलिस कार्यवाही के अंतर्गत जेल में…जब विभागीय जांच में CMO अनुभव सिंह हैं उत्तरदायी तो शासन व अधिकारियों द्वारा कार्यवाही में देरी क्यों…?
टेबल खर्च के लिए भी गबन की राशि का बंदरबांट
भ्रष्टाचार को खत्म करने की विष्णुदेव सरकार की मंशा पर मंत्रालय स्तर के अधिकारी फेर रहे पानी
मुंगेली/ मुंगेली नगर पालिका के हाईप्रोफाइल मवेशी बाजार की वसूली राशि के गबन मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज कर CMO मोरिस राज सिंह जो कि मुंगेली नगर पालिका के तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक थे, और तत्कालीन कैशियर यतेंद्र पांडेय सहित एक अन्य कर्मचारी पंप ऑपरेटर के खिलाफ सिटी कोतवाली में एफआईआर दर्ज किया है। तीनों आरोपी फिलहाल जेल में हैं। मामले में आरोपियों के विरुद्ध धारा 420,408,409,467,468,471,201,34 भादवि के तहत अपराध पंजीबद्ध हैं।
विभागीय जांच में पुष्टि फिर कार्रवाई में देरी क्यों ?
नगरपालिका में मवेशी बाजार की पंजीयन शुल्क की रसीद में कूटरचना करके बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है सरकार को राजस्व क्षति पहुचाकर सिंडिकेट बनाकर करोड़ो की राशि का बंदरबांट किया गया हैं। मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने अब तक नगरपालिका के 3 अधिकारियों, कर्मचारी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया हैं। नगरीय प्रशासन के उच्च स्तरीय जांच में तीन अधिकारी उत्तरदायी पाये गए हैं जिसमें मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह का भी नाम हैं लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम फाइल ऑफिस ऑफिस घूम रही हैं। वही इस मामले पर बड़ा खुलासा होने की संभावना हैं और घोटालों को अंजाम दे रहे अधिकारी और कुछ पदाधिकारी राडार में भी है जिसका साक्ष्य जुटाने में पुलिस जुटी हुई है मुंगेली नगरपालिका के मवेशी बाजार में मवेशियों की क्रय विक्रय पर पंजीयन शुल्क की वसूली पर जमकर घोटाला किया गया है इस मामले पर जल्द ही पर्दाफाश होने वाला हैं बताया जाता हैं कि मामले पर कई अधिकारी, कर्मचारी, पदाधिकारी और षड्यंत्रकारी सलाखों के पीछे होंगे ? फिलहाल पुलिस की जाँच जारी है पुलिस साक्ष्य जुटाने में लगी है।
2017 से जुड़ा हैं मामले का तार…
दरअसल ये पूरा मामला नगरपालिका मुंगेली से जुड़ा हुआ है वर्ष 2017 से नगरपालिका द्वारा विभागीय वसूली किया जा रहा था जो अब तक निरन्तर जारी हैं…इसी तारतम्य में नगरपालिका द्वारा मवेशी बाजार में बकरा-बकरी,भेड़ी-भेड़ के क्रय-विक्रय के लिए पंजीयन शुल्क क्रेता से की जाती है..वसूली के लिए राजस्व निरीक्षक व बाजार प्रभारी के द्वारा किया जाता रहा है जहां इस मामले पर मवेशी की खरीदी बिक्री की रसीद का पर्ण (मूलप्रति) प्रतिपर्ण (कार्बन कॉपी) पर कूटरचना करके करोड़ों का खेला किया गया हैं, इसमें षड्यंत्रकारियों के द्वारा मवेशी बाजार में काटी गई रसीद की मूल प्रति में भारी भरकम राशि वसूली करके प्रतिपर्ण रसीद में घर बैठकर मामूली राशि भरकर राजस्व विभाग में जमा किया जाता था बाकी शेष राशि को सिंडिकेट बनाकर बंदरबांट कर किए जाने का खुलासा हुआ है, भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ पदाधिकारियों को टेबल खर्च के लिए भी गबन की राशि का बंदरबांट किया जाता था।
विभागीय जांच में इन अफसरों को ठहराया गया जिम्मेदार
विभाग के उच्च स्तरीय जांच में शिकायत की पुष्टि करते हुए गबन के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनुभव सिंह,तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक मोरिस राज सिंह और प्रभारी कैशियर यतेंद्र पांडे को उत्तरदायी पाया था लेकिन कार्रवाई अभी तक लंबित है…मामले पर सचिव स्तर पर कार्रवाई के लिए फाइल नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे दफ्तरों के चक्कर काट रहा है लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक विभागीय कार्रवाई नही हो सकी है…भ्रष्टाचार को खत्म करने की विष्णुदेव सरकार की मंशा पर मंत्रालय स्तर के अधिकारी पानी फेर रहे हैं।
कई अफसर और जनप्रतिनिधि भी राडार पर ?
मामले पर गिरफ्तार अधिकारियों के मोबाइल अकाउंट को खंगाला जा रहा है पुलिस घोटाले की कड़ी को हर पहलुओं से जोड़कर साक्ष्य जुटा रही है जैसे जैसे घोटाले में संलिप्त लोगो के सबूत एकत्र होंगे वैसे ही पुलिसिया कार्रवाई कर गिरफ्तार किए जाएंगे इस मामले में कई अधिकारी, कर्मचारी, पदाधिकारी और षड्यंत्रकारी शामिल है जिसपर घोटाले में भूमिका की जांच हो रही हैं, इसके साथ ही सिंडिकेट गैंग इसमें अन्य लोगों को शामिल किया है जिसपर राशि का आदान प्रदान ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की जांच की जा रही हैं। मामले के जानकारों की माने तो इस मामले में कुछ पदाधिकारियों के नाम भी सामने आने की संभावना बताई जा रही हैं, जल्द ही इसमें एक बड़ा खुलासा हो सकता हैं ।