नई दिल्ली
कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट पढ़े जाने के एक दिन बाद राज्यसभा में अपने भाषण में सरकार से पांच सवाल पूछे। पी. चिदंबरम (जिन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए-2 सरकार में वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया) ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से 400 रुपये दैनिक न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित करने और एमएसपी या न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी प्रदान करने की मांग की है। बता दें कि ये सभी मुद्दे वर्ष 2000 से आंदोलनरत किसानों की मुख्य मांग है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार से मार्च तक के शिक्षा ऋणों की बकाया राशि माफ करने, विवादास्पद अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को समाप्त करने तथा मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए (जो राज्य इसे नहीं चाहते हैं) नीट परीक्षा को समाप्त करने की भी मांग की। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी पर 'कृपया, कुछ और कॉपी करें' का तंज भी कसा।
चिदंबरम का भाषण चार प्रमुख मुद्दों पर आधारित
चिदंबरम का भाषण चार प्रमुख मुद्दों पर आधारित था, जिनमें से पहला मुद्दा बेरोजगारी था। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अनुमान लगाया है कि जून 2024 में अखिल भारतीय बेरोजगारी दर 9.2 प्रतिशत होगी। उन्होंने आगे कहा कि अब, पहले एक उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना (नौकरी पैदा करने के लिए) थी। जब आपने रोजगार-लिंक्ड योजना शुरू की तो इसके पीछे कोई कारण रहा होगा। मुझे संदेह है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पीएलआई ने उस तरह की नौकरियां पैदा नहीं कीं, जैसी आप पैदा करना चाहते थे।
'वित्त मंत्री इस सदन को बताएंगी पीएलआई का नतीजा'
पी. चिदंबरम ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से सवाल करते हुए कहा कि तो, क्या वित्त मंत्री इस सदन को बताएंगी पीएलआई का नतीजा क्या रहा? एक बार जब हमें नतीजे पता चल जाएंगे तो हम आगे देख सकते हैं कि ईएलआई से क्या उम्मीद की जा सकती है। मंगलवार को अपने भाषण में सीतारमण ने सरकार के सहयोग से तीन ELI की घोषणा की, जिसमें पांच साल की उद्योग इंटर्नशिप योजना (जिसके बारे में कांग्रेस का दावा है कि यह नकल की गई है) भी शामिल है।